बिहार के दरभंगा जिले में एम्स का निर्माण होने वाला है. लेकिन, निर्माण से पहले एम्स का मामला सियासी घेरे में फंसा हुआ है. दरअसल, दरभंगा एम्स पर बिहार सरकार और केंद्र सरकार अब खुलकर आमने-सामने आ चुकी है. कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार देखे गए हैं. जिसका नतीजा यह देखने के लिए मिल रहा कि, एम्स के निर्माण में देरी हो रही है. जिससे इसका सीधा असर बिहार के लोगों पर पड़ रहा है. इसी क्रम में देश के पीएम नरेंद्र मोदी कल अपने जन्मदिन के अवसर पर यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर के फेज-1 का उद्घाटन करने के लिए द्वारका की यात्रा मेट्रो से करने के लिए निकले.
उसी समय मेट्रो में दरभंगा के एक रिटायर शिक्षक भी मौजूद थे. फिर क्या था, पीएम मोदी को देखते ही शिक्षक ने पीएम मोदी के सामने दरभंगा एम्स का मुद्दा उठा दिया और सवाल भी कर दिए. शिक्षक दरभंगा के केवटी प्रखंड क्षेत्र के रामपुर गांव के रहने वाले राम बहादुर शाह हैं. उन्होंने पीएम मोदी को बताया कि बेटे के आवास पर 25 अगस्त से रहकर इलाज करा रहे हैं और अब फ्लाइट से वापस जा रहे हैं. उन्होंने पीएम से दरभंगा समेत उत्तर बिहार के विकास की मांग कर दी. दरभंगा एम्स के राग को छेड़ने से वो नहीं चूके और पीएम को कहा कि आपने जो एम्स दरभंगा में दिया है उससे उत्तर बिहार समेत नेपाल और सिक्किम के लोगों को भी लाभ होगा. लेकिन इसके निर्माण में फंसे पेंच पर भी वो बोले और कहा कि प्रधानमंत्री जी आप इस दिशा में थोड़ा जल्द पहल किजिए. इसका निर्माण जल्द हो जाए.
इस दौरान राम बहादुर शाह के चेहरे पर पीएम मोदी से मिलने की खुशी साफ झलक रही थी. वहीं, राम बहादुर शाह जब अपने गांव लौटे तब उन्होंने मुलाकात की तस्वीरें दिखाई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, दिल्ली में उनका बेटा रहता है और उससे मिलने के लिए ही गए थे. दिल्ली से दरभंगा आने के लिए एयरपोर्ट आ रहे थे, इसी कड़ी में मेट्रो में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकालात हुई जो कभी सपने में भी नहीं सोचा था. उन्होंने बताया कि, दो मिनट का समय मिला तो दरभंगा के बारे में पीएम ने पूछा तो एम्स से जुड़े मुद्दे की जानकारी दी और उनको बताया कि एम्स दरभंगा को रिलीज कर दिया जाय. उस पर मोदी ने कहा कि, एम्स तो दरभंगा को रिलीज कर दिया है. तो हमने कहा कि, एम्स तो मिल गया है लेकिन जमीन को लेकर राजनीति में फंस गया है. जिसको सुन पीएम मुस्कुरा दिए. लेकिन, उस क्षण हमको याद आया जो हमने उनके सामने रख दिया.
दरभंगा से तुलसी झा की रिपोर्ट