लैंड फॉर जॉब मामले में बड़ी खबर सामने आ गई है. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत 17 आरोपियों के खिलाफ समन जारी कर दिया है. जिसके बाद लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. बता दें कि, कोर्ट की ओर से 4 अक्टूबर को सभी को पेश होने के लिए कहा गया है. वहीं, सीबीआई के द्वारा दायर किये गए चार्जशीट में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पहली बार आरोपी बनाया गया है.
राऊज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई
बता दें कि, आज दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लेकर सुनवाई हुई. जिसके बाद मामले में सभी आरोपियों को आदेश जारी किया गया. वहीं, गुरुवार को ही इस मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन किसी कारणवश सुनवाई को टाल दी गई. गुरुवार को CBI ने कोर्ट को बताया कि तीन रेल अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की इजाजत गृह मंत्रालय से मिल गई है. जिनमें रेल अधिकारी मनदीप कपूर, मनोज पांडे, डॉ. पीएल बंकर के खिलाफ केस चलाने की इजाजत मिली है. बता दें कि, लालू यादव पर केस चलाने को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से पहले ही परमिशन दे दिया गया था.
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि, 2004 से 2009 तक लालू प्रसाद रेल मंत्री थे. आरोप है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन ट्रांसफर के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं. CBI ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं थी. वहीं, दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या D-1088 (एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि.) के नाम रजिस्टर्ड है. इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है. इस संपत्ति की आज बाजार में कीमत 150 करोड़ रुपए है. इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसे लगाए. कागज पर यह कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं. तेजस्वी ने 9 नवंबर 2015 को इस कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, तेजस्वी कहते हैं कि जिस समय का यह मामला है, उस समय वे काफी छोटे थे.