बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी है. दरअसल, सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, जदयू सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी के बेटे की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को सारे नियमों को ताक पर रखकर 1600 करोड़ का एंबुलेंस टेंडर अंतर्गत 2,125 एंबुलेंस 5 वर्ष के लिए चलाने का आदेश तत्काल रद्द कर जिम्मेवार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. पहले तो टेंडर देने की शर्तों यथा अनुभव, टर्नओवर, चयन का आधार, कॉल सेंटर की क्षमता आदि को इस प्रकार बदला गया ताकि जदयू सांसद के बेटे की कंपनी टेंडर में भाग ले सकें. जबकि अन्य कंपनियों के पास सभी बिंदुओं पर ज्यादा क्षमता थी.
आगे सुशील मोदी ने यह भी कहा कि, न्यायालय में पी. के. शाही जदयू सांसद के वकील थे और बाद में महाधिवक्ता बनने पर उसी कंपनी के पक्ष में अपनी अनुशंसा कर रहे थे. यह पूर्णतया नैतिकता के विरुद्ध और पक्षपातपूर्ण है. कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद जदयू सांसद के बेटे को 5 वर्षों के लिए टेंडर दे दिया गया. 47 करोड़ की बैंक गारंटी के प्रावधान के बावजूद मात्र 9.4 करोड़ की गारंटी पर काम दे दिया गया.
सुशील मोदी ने बड़ी मांग करते हुए कहा कि, कोरोना की 2 वर्ष की अवधि में पाया गया कि जदयू सांसद की कंपनी जो एंबुलेंस चला रही थी उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, एयर कंडीशन का अभाव, एक्सपायरी दवा चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायत 12 ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज है, फिर भी दूसरी बार टेंडर दे दिया गया. 1600 करोड़ के इस एंबुलेंस घोटाले के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कर तत्काल टेंडर रद्द किया जाए. हालांकि, यह तो देखने वाली बात होगी कि इस मांग पर सीएम नीतीश क्या रिएक्शन देते हैं.