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रांची के स्मार्ट सिटी में बनेगा ताज होटल झारखंड सरकार से टाटा समूह ने किया एम ओ यू, 400 करोड़ की लागत से 200 कमरों का निर्मित होगा टाटा का ताज होटल...

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रांची के प्रोजेक्ट भवन में टाटा ग्रुप के ताज होटल के निर्माण के लिए झारखंड सरकार और टाटा इंटर प्राइजेस के बीच एमओयू के मौके पर नगर विकास सचिव अरवा राज कमल ने बताया झारखंड में ताज होटल लाने का सारा श्रेय सीएम हेमंत सोरेन को जाता है।  इसमें 200 से ज्यादा कमरे , एक हजार लोगों को रोजगार और 400 करोड़ का इन्वेस्टमेंट होगा। 8 जनवरी 2024 को ही कैबिनेट से इसकी स्वीकृति मिली थी। ताज होटल साउथ एशिया का टॉप मोस्ट ब्रांड है।

इस मौके पर टाटा स्टील के एमडी टी बी नरेंद्र ने कहा, सब लोग चाहते थे रांची में एक ताज का होटल होना चाहिए ... टाटा का झारखंड से 100 साल पुराना रिश्ता है। हर क्षेत्र में यहां काम कर रहे हैं। झारखंड सर्फ खनिज से भरा हुआ ही नहीं बल्कि एक कल्चर रिच स्टेट है।

इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, आज इस सभागार से ऐतिहासिक क्षण जन्म ले रहा जब राज्य में ताज होटल के लिए MOU किया गया ...काफी दिनों से इसके लिए प्रयासरत था , आज एक कदम और बढ़े हैं , इकरार नामा हुआ है ... ये और सुखद तब होगा जब भव्य होटल बन कर तैयार होगा और लोगों के उपयोग में आयेगा। सरकार बनाने के साथ विभिन्न क्षेत्रों के लिए गंभीरता पूर्वक विचार किया ,राज्य की आंतरिक क्षमता और लोगों के प्रतिभाओं को बेहतर तरीके से तराश पाएं।

झारखंड की देश और दुनिया में अलग पहचान है। पर खनिज संपदा की महत्वपूर्ण नहीं , जमीन के ऊपर जो है वो भी महत्वपूर्ण हैं ,विकसित राज्य के बराबर खड़े हो सकते थे। कहीं न कहीं नीति निर्धारण में कुछ कमी रही। ये राज्य आज एक मजदूर प्रधान राज्य बना हुआ है।


 देश के अलग अलग राज्यों में , विदेशों में भी रोजगार तलाशने जाते हैं।  हमारे राज्य में रोजगार सृजन के लिए सही नीति बने तो कोई कमी नहीं हो सकती , पलायन की आवश्यकता नहीं पड़ती। हां ये और है कि पलायन मनुष्य का स्वभाव है। अगर चलना बंद कर दें तो देश की अर्थव्यवस्था रुक जाती है। 

 आज टाटा समूह के साथ सदियों से रिश्ता है सदियों तक चले , ये रिश्ते तभी और मजबूत हो सकते हैं जब राज्य के लोगों के साथ भी रिश्ता कायम रखे। 

टाटा के विभिन्न क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हुए हैं। टाटा का जन्म झारखंड में ही हुआ है इस लिए झारखंडी होने के नाते अधिकार से मांग सकते हैं और कह सकते हैं झारखंडियों को प्राथमिकता में रखें। झारखंडी सबके साथ समग्र विकास की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में बात करें तो जहां झारखंड के आधे के बराबर भी खुबसूरती नहीं वहां भी टाटा के होटल हैं।

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