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बरसात के मौसम का उठाएं भरपूर फायदा, गेंदे के फूल की खेती पर सरकार से मिलेंगे पैसे

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खेतीबाड़ी और किसानी की सूरत अब पहले जैसी नहीं रही. आज कल शहर में रहनेवाले युवाएं भी खेती का रुख अपना रहे हैं. नए-नए आइडियाज को डेवलप कर कम मुनाफे में ही बड़ा फायदा कमा रहे हैं. इस बीच सरकार भी ऐसे लोगों की मदद करने से पीछे नहीं हट रही है. दरअसल, बिहार में इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है. ऐसे में सरकार लोगों को बरसात के मौसम का भरपूर फायदा उठाने का मौका दे रही है. दरअसल, बिहार सरकार की ओर से गेंदे के फूल की खेती करने वाले किसानों को 70 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है.     

दरअसल, बिहार सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत गेंदे के फूल की खेती करने के लिए 70% अनुदान दे रही है. सरकार ने प्रति हेक्टेयर गेंदे के फूल की लागत 40 हजार रुपये रखी है. ऐसे में 70 फीसदी की सब्सिडी के हिसाब से किसानों को गेंदे के फूल की खेती पर 28 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं, इस योजना का लाभ लेने के लिए जो भी किसान हैं वह horticulture.bihar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन भर सकते है.

अब चलिए बताते हैं कि गेंदे के फूल की खेती की आखिर खासियत क्या है.... बता दें कि, गेंदा का फूल बारहमासी पौधा माना जाता है. बात करें एक साल की तो, सालभर में किसान गेंदे के फूल की तीन बार खेती कर सकते हैं. इतना ही नहीं, इसकी खेती की सबसे खास बात यह है कि, 45 से 60 दिनों के अंदर इसकी फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इसके साथ ही हर तरह के शुभ मुहूर्त या त्योहारों पर गेंदे के फूल की डिमांड भी लगातार बनी रहती है.  

विशेषज्ञों की माने तो, एक एकड़ में गेंदे की खेती में सिंचाई, गुड़ाई और निड़ाई के साथ तकरीबन 40 हजार की लागत में 2 से 4 लाख रुपये तक मुनाफा कमा लेते हैं. ऐसे में लघु और सीमांत किसानों के लिए पारंपरिक फसलों के मुकाबले बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है. वहीं, गेंदे के फूल की पत्तियों में औषधीय गुण समाहित होते हैं. इसके अलावा इनके पौधों पर लाल मकड़ी के अलावा कोई कीट भी नहीं लगता है. अन्य फसलों के मुकाबले गेंदे के फूल के रख-रखाव में कोई दिक्कत नहीं होती है. वहीं, इसके पौधे लगाने से मिट्टी के अंदर लगने वाली कई बीमारियां भी दूर रहती हैं.

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