बिहार शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन के खिलाफ राजधानी पटना में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज किया. अभ्यर्थी जब राजभवन मार्च करने निकले तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो उनपर बल प्रयोग किया गया. पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और खदेड़ने की कोशिश की. ऐसे में अभ्यर्थी डाक बंगला चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए.
पटना की सड़कों पर पूरे बिहार के अभ्यर्थी
पूरे बिहार से शिक्षक अभ्यर्थी राजधानी पटना पहुंचे हैं. आंदोलन को लेकर सुबह से पुलिस भी पूरी तरह सतर्क दिखी. गांधी मैदान, डाक बंगला चौराहा समेत अन्य जगहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया. इस बीच कई बार अभ्यर्थियों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस और झड़प भी हुई. डाक बंगला चौराहे पर स्थिति जब बेकाबू हो गई तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया और उन्हें खदेड़ दिया.
शिक्षा विभाग ने पहले ही कस ली थी कमर
डोमिसाइल नीति हटाने के खिलाफ शिक्षक अभ्यर्थियों के आंदोलन को लेकर शिक्षा विभाग ने पहले ही कमर कस ली है. प्रशासन शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध में प्रदर्शन करने वाले हर व्यक्ति पर नजर रख रही है. वीडियोग्राफी करवाकर ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई होगी. इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है.
क्या है अभ्यर्थियों की मांग ?
बिहार में 1.70 लाख शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं. राज्य सरकार ने पिछले दिनों शिक्षक बहाली नियमावली में संशोधन कर अभ्यर्थियों के बिहार का स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता हटा दी. इससे दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी इस भर्ती में शामिल होने का मौका मील गया है. नीतीश सरकार के इस फैसले से बिहार के अभ्यर्थी नाराज हैं और इसी के खिलाफ वो प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि दूसरे राज्यों के कैंडीडेट्स के लिए भर्ती खोलने से उनका हक मारा जाएगा.