एक तरफ बिहार विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है तो वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों का गजब का आक्रोश देखने के लिए मिल रहा है. एक तरफ जहां सरकार को विपक्ष सदन में घेरेगी तो वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षक विधानसभा के बाहर बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज बिहार के तमाम नियोजित शिक्षक आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं. सुबह होते ही राज्य भर से हजारों की संख्या में नियोजित शिक्षक गर्दनीबाग पहुंच गए. नियोजित शिक्षकों ने ऐलान किया है कि, वे सक्षमता परीक्षा में नहीं शामिल होंगे. इसके साथ ही केके पाठक के फरमानों का पूरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. इससे पहले याद दिला दें कि, नियोजित शिक्षकों के संगठनों ने संयुक्त रूप से बिहार शिक्षक एकता मंच बनाया है. कई जिलों में सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षकों ने मशाल जुलूस निकाला था.
शिक्षा विभाग ने जारी किया था फरमान
जिसको लेकर भी केके पाठक ने फरमान जारी किया था कि, मशाल जुलूस में शामिल नियोजित शिक्षकों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी. पत्र जारी करते हुए साफ तौर पर कहा गया है कि, ऐसी सूचना प्राप्त हो रही है कि सक्षमता परीक्षा के विरोध में विभिन्न जिलों में नियोजित शिक्षकों के संगठन एवं शिक्षकों के द्वारा मशाल जूलूस निकालकर आंदोलन किया जा रहा है. ये कृत्य शिक्षकों के आचरण के विपरीत है. अतः आप सभी को निर्देश दिया जाता है कि स्थानीय समाचार पत्र/सोशल मिडिया और अन्य एजेंसियों से सूचना प्राप्त कर मशाल जुलूस एवं आंदोलन में शामिल शिक्षकों को चिह्नत कर कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करेंगे. साथ ही विभाग को सूचित करें.
अब क्या एक्शन लेगी बिहार सरकार ?
शिक्षा विभाग के आदेश में यह भी कहा गया कि, 13 फरवरी को विद्यालय खुले हुए हैं. ऐसी स्थिति में शिक्षकों विद्यालय छोड़कर धरना-प्रदर्शन में शामिल होने से यह स्पष्ट होगा कि, उनके द्वारा विद्यालयों में शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है. यदि आपके जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे आईपीसी की धारा 141 के तहत गैरकानूनी सभा मानते हुए आवश्यक कार्रवाई करें. लेकिन, इसके उलट बात कर लें नियोजित शिक्षकों की तो, उन सभी ने 13 फरवरी को सक्षमता परीक्षा के विरोध में पटना में एक बड़े आंदोलन करने की घोषणा कर दी थी और आज बड़ी तादाद में नियोजित शिक्षक राजधानी पटना में जुट गए हैं. लगातार प्रदर्शन और नारेबाजी जारी है. देखना होगा कि, इसे लेकर सरकार का क्या कुछ स्टैंड होता है.