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नदी पार कर स्कूल जाने में डर रहे हैं बगहा के शिक्षक-शिक्षिका

Teachers of Bagaha are afraid to cross the river to go to sc

Bagaha -बगहा पुलिस जिला के कई प्रखंड के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक और शिक्षिका अपनी जान जोखिम में डालकर गंडक नदी पार करने को मजबूर हैं। रोजाना उन्हें 6 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे से अधिक समय लग जाता है। क्योंकि बड़े नावों के अभाव में वे छोटी और असुरक्षित नावों का सहारा लेने को मजबूर हैं।दरअसल, मधुबनी, पिपरासी, और ठकरहा प्रखंडों में दर्जन स्कूल ऐसे हैं, जहां गंडक नदी को पार कर शिक्षकों और शिक्षिका को पहुंचना पड़ता है। इन शिक्षकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि बड़े नावों की कमी के कारण उन्हें छोटी नावों पर निर्भर रहना पड़ता है। इन नावों में न तो कोई सुरक्षा उपकरण होता है और न ही निबंधित होते हैं। 

हर दिन शिक्षकों को बाढ़ग्रस्त इलाकों और पगडंडियों से होकर उफनती नदी पार करनी पड़ती है। जिसमें सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। लाइफ जैकेट जैसी बुनियादी सुरक्षा सुविधाओं के बिना यात्रा करना शिक्षकों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है।

इस सम्बन्ध में शिक्षक आयुष कुमार का कहना है कि उनके स्कूल की दूरी केवल 6 किलोमीटर है, जिसे बाइक से महज 20 मिनट में तय किया जा सकता है, लेकिन नदी पार करने के कारण यह सफर एक घंटे से अधिक लंबा हो जाता है।

वही शिक्षक ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि स्कूल जाने के लिए केवल छोटे नाव ही उपलब्ध हैं। तेज हवा के कारण नावें कई बार डगमगा जाती हैं, जिससे उनके मन में डर बना रहता है। फिर भी, उनके पास और कोई विकल्प नहीं है।

स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग से बार-बार अनुरोध के बावजूद अब तक इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। शिक्षक और ग्रामीण लगातार प्रशासन से बड़े नावों के परिचालन की मांग कर रहे हैं।

बगहा से अजय शर्मा की रिपोर्ट 

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