बिहार की राजधानी पटना में वन और पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री तेज प्रताप यादव नदारद रहे. बता दें कि तेज प्रताप यादव राज्य के वन और पर्यावरण मंत्री हैं. वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव वंदना प्रेयसी ने डब्लू डी सी भवन में सभी जिला के 1 अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव को निमंत्रित नहीं किया गया....वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मुखिया तेज प्रताप यादव इस बात से काफी नाराज बताए जा रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी डीएफओ और सभी बड़े वन अधिकारियों को इस बैठक में बुलाया गया. जिसकी अध्यक्षता वंदना प्रेयसी ने की.....तेज प्रताप यादव को इसी बात से नाराजगी है कि उनके विभाग की इतनी बड़ी बैठक और इसमें उन्हें निमंत्रित नहीं किया गया है. कहीं ना कहीं अब तेज प्रताप यादव भी राजद कोटे के अन्य मंत्रियों के तहत अपने विभाग के अधिकारियों के अफसरशाही से परेशान नजर आ रहे हैं.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार देर शाम अचानक से राजस्व भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता के द्वारा किए गए विभागीय तबादले को रद्द कर दिया था. इसके बाद बिहार की सियासत में सरगर्मी तेज हो गई और चर्चा तेज हो गई कि क्या महागठबंधन में ऑल इज वेल नहीं है? तेजस्वी यादव के बेहद नजदीकी माने जाने वाले आलोक मेहता के फैसले को पलटने का मतलब निकाला जाने लगा.
सीएम नीतीश कुमार ने राजद कोटे के दूसरे मंत्री आलोक मेहता पर गाज गिरायी. इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विभाग में केके पाठक को बिठा कर उन्हें ठीक किया गया. शिक्षा विभाग में केके पाठक के जाने के बाद हाल ये हुआ कि जून महीने में मंत्री चंद्रशेखर कोई ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर पाये. दोनों तेजस्वी यादव के बेहद करीबी मंत्री माने जाते हैं. अब खबर आई तेजप्रताप को लेकर.....जिन्हें उनके ही विभाग की बड़ी बैठक में शामिल नहीं किया गया.