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दरभंगा में AIIMS निर्माण को लेकर PM मोदी पर भड़के तेजस्वी, लगाया बड़ा आरोप

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बिहार के दरभंगा जिले में जल्द ही एम्स का निर्माण होना है. लगातार जिले में एम्स के निर्माण को लेकर मांग की जाती है. ताकि लोगों को सहूलियत मिल सके. लेकिन, एम्स निर्माण को लेकर जो जमीन का मामला है, वह कहीं ना कहीं अब तक फंसा हुआ है और नतीजन एम्स निर्माण के कार्य पर अब तक विराम लगा हुआ है. दरअसल, काफी दिनों पहले ही बिहार सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को इस मामले में चिट्ठी लिखी गई थी. जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि, जो जमीन राज्य सरकार द्वारा एम्स के लिए दी जा रही है, वह उपयुक्त नहीं है. 

जिसके बाद से एम्स पर विवाद छिड़ गया है. ट्विटर के जरिये वार-पलटवार का दौड़ शुरू हो गया है. इस मामले को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने सीधे पीएम मोदी पर निशाना साध दिया है. इसके साथ ही पीएम मोदी पर एम्स निर्माण का झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाया है. दरअसल, तेजस्वी यादव ने कहा कि, दरभंगा में एम्स खुलने को लेकर जो भी बयान पीएम नरेंद्र मोदी के द्वारा दिया जा रहा है वह गलत है. दरभंगा में एम्स खुला ही नहीं है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को जमीन को लेकर जो पत्र लिखा था, उसे स्वीकार नहीं किया गया. इस मामले में तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी बात की. 

तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर के जरिये लिखा कि, 'आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे. वस्तुस्थिति ये है कि #बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया, लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित AIIMS के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी. प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफेद झूठ बोला.' 

हालांकि, तेजस्वी यादव के इस ट्वीट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने पलटवार करते हुए लिखा कि, 'मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है. हमारी नीयत साफ है. एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी. इसके बाद आप सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी.' मंडाविया ने यह भी कहा कि, नियमों के अनुसार देखा जाए तो जमीन की जांच करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी ने जमीन को इंस्पेक्ट किया. 26 मई 2023 को केंद्र सरकार ने उपलब्ध कराई गई दूसरी जमीन एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है, ऐसा लेटर बिहार सरकार को भेजा था.

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