तेजस्वी यादव के द्वारा यह कहने है कि चिराग पासवान के घर को मोदी ने तुड़वाया फिर भी उनके हनुमान बनकर है चिराग ने कहा जितनी चिंता हमारी और हमारे प्रधानमंत्री की चिंता करते हैं उसके 10% चिंता भी हो अगर इन्होंने अपने प्रत्याशियों की अपने प्रदेश की होती है तो इनके काल को जंगल राज के नाम से नहीं जाना जाता आज भी अगर अपने प्रत्याशियों की चिंता कर लेंगे तो संभवत वह अपनी जमानत कम से काम बचा पाएंगे हमारे घर हमारे परिवार में क्या हुआ वह हमारी चिंता है वह हमारे व्यक्तिगत चिंता है ना उसका मेरे परिवार से ना इसे कोई लेना देना है ना मेरे प्रदेश से लेना देना है आज हम लोग चुनावी चुनावी क्षेत्र में है चुनाव में यह मुद्दा तो नहीं है कि चिराग पासवान के घर का क्या हुआ।चिराग पासवान आज भी प्रदेश के रोड मैप के साथ आगे चल रहा है आप बोलते रहते हैं हम नौकरी दे नौकरी दिए और हम इतनी नौकरी देने रेवेन्यू कहां से जनरेट करेंगे वह विजन क्या आपके पास है कि सरकार में राजस्व को कैसे बढ़ाया जा सकता है आप उप मुख्यमंत्री रह चुके नहीं पड़ेगा तब तक आपके पास पैसा नहीं रहेगा तो फिर आप सैलरी कैसे देंगे तो जितना ध्यान मेरे छोटे भाई मुझ पर देते हैं अच्छी बात है उतना ध्यान अगर अपने ऊपर बिहार के ऊपर दिन अच्छा रहे वह जन्म से उपमुख्यमंत्री बन गए थे क्या और अनुभव एयर कंडीशन कमरों में बैठने से नहीं होता है अनुभव जनता के बीच जाने से होता है उनका कार्यकाल निकाल कर देख लीजिए कार्यकाल में बिहार में घटी घटनाओं का आंकड़ा निकाल कर देख लीजिए कितनी घटनाओं पर वह गए यह भी निकाल कर आप देख लीजिए अनुभव जनता के बीच आने से होता है जनता के साथ रहने से होता है ऐसी कमरे में गाड़ी का शीशा चढ़कर चढ़कर घूमने से अनुभव किसी को नहीं होता है