पिछले कुछ समय से इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि बिहार के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्य सरकार गुड न्यूज़ दे सकती है. उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिल सकता है लेकिन अब इस मामले पर बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा. समय आने पर CM नीतीश कुमार इस पर फैसला लेंगे. इससे पहले ये चर्चा जोरों पर थी कि अक्टूबर महीने में दशहरा से पहले नियोजित शिक्षकों को सरकार राज्यकर्मी का दर्जा दे देगी.
तेजस्वी ने किया साफ
रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान डिप्टी CM तेजस्वी यादव ने कहा कि समय आने पर इस मामले में फैसला लिया जाएगा. बिहार के CM नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार सभी का ध्यान रखेगी. फिलहाल राज्य सरकार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के फैसला लेने नहीं जा रही है. ऐसे में अब नियोजित शिक्षकों का इंतजार और बढ़ गया है.
CM नीतीश ने बनाई थी कमिटी
इससे पहले अटकलों का बाजार गर्म था कि सूबे के 4 लाख नियोजित शिक्षकों को सरकार खुशखबरी देने वाली है. इस मामले पर नीतीश सरकार ने एक कमिटी का भी गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट CM नीतीश को सौंप दी है. CM नीतीश ने भी इस संबंध में महागठबंधन के नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक की थी.
बैठक में शामिल नेताओं ने कहा था कि बिना किसी स्क्रीनिंग के सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना संभव नहीं है. वहीं वाम दलों के नेताओं ने जोर देकर कहा था कि सभी कार्यरत शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने में कोई बड़ा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, जिसपर CM नीतीश ने गौर करने की बात कही थी. लेकिन ये भी कहा था कि भूसी से गेंहू निकालने के लिए स्क्रीनिंग होनी चाहिए.