तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की ओर से नियुक्ति के बाद एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ली. इसके बाद चंद्रयानगुट्टा से विधायक ओवैसी ने नवनियुक्त विधायकों को शपथ दिलाई. वहीं, भाजपा ने एलान के तहत अपने विधायकों को ओवैसी के सामने शपथ के लिए नहीं भेजा और समारोह का बहिष्कार किया.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, "एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को तेलंगाना विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. हम इसका विरोध करेंगे. वरिष्ठ विधायकों को छोड़कर अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. ये नियमों और विधानसभा की परंपरा के खिलाफ है. हमारी पार्टी के विधायक नियमित स्पीकर आने के बाद ही शपथ लेंगे...हम लोग अभी राज्यपाल के पास जाकर इसके खिलाफ ज्ञापन भी देंगे."
रेड्डी ने कहा कि हम एआईएमआईएम जैसी पार्टी के साथ कभी नहीं जुड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अकबरुद्दीन ओवैसी को इस पद के लिए नामित किया क्योंकि उसकी एआईएमआईएम के साथ साठ-गांठ है. हम मांग करते हैं कि ओवैसी के प्रोटेम स्पीकर रहते विधानसभा स्पीकर को न चुना जाए. इसके बाद उन्होंने राज्य में भाजपा के बढ़ते जनाधार पर भी बात रखी. रेड्डी ने कहा कि हमने राज्य में आठ सीटें जीतीं और हमें 14 फीसदी वोट मिले. यह अभूतपूर्व है.
क्या है प्रोटेम स्पीकर की भूमिका?
नई विधानसभा का पहला सत्र शनिवार से शुरू हो रहा है. प्रोटेम स्पीकर अस्थायी भूमिका निभाता है और वह नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने और स्पीकर चुने जाने तक विधानसभा सत्र का संचालन करता है.
टी. राजा सिंह ने सबसे पहले उठाए विरोध के स्वर
ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने सबसे पहले विरोध के स्वर उठाए. उन्होंने कहा कि नई सरकार, कांग्रेस के नए मुख्यमंत्री बनने के बाद रेवंत रेड्डी और कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है. रेवंत रेड्डी हर बार कहते थे कि भाजपा, बीआरएस और एआईएमआईएम एक है. आज पता चल गया कि कौन किसके साथ है. शनिवार को हम अकबरुद्दीन के सामने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे और समारोह का बहिष्कार करेंगे.