बिहार के सुपौल जिले में बन रहा देश का सबसे बड़ा बकौर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. बताया जा रहा है कि, पुल का तीन पिलर का गर्डर गिरा है. घटना सुबह के करीब सात बजे की बताई जा रही है. साथ ही इस घटना में कई मजदूरों के दबने की खबर है, जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है. बता दें कि, इसे भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है. इस पुल में कुल 171 पिलर बन रहे हैं. जिसमें डेढ़ सौ से ज्यादा पिलर का निर्माण हो चुका है. एप्रोच पथ का काम होना बाकी है. मधुबनी और सुपौल के बीच बकौर पुल का निर्माण किया जा रहा है. यह देश का सर्वाधिक लंबा पुल है. असम के भूपेन हजारिका ब्रिज से भी एक किलोमीटर लंबा है.
इलाके में रेस्क्यू अभियान जारी
बता दें कि, पिलर नंबर 50, 51 और 52 पूरी तरह से गिर गया है. हादसे में कई लोग घायल हैं. इलाके में रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. बिहार में पुल गिरने का ये सिलसिला कोई नया नहीं हैं. इससे पहले भी पुल गिरने के हादसे हो चुके हैं. बकौर पुल के निर्माण की लागत 1200 करोड़ रुपए की बताई जा रही है. वहीं, केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस पुल को बना रहा है. पुल की लंबाई लगभग 10.2 किलोमीटर है. इस महापुल के बनने से पुल सुपौल और मधुबनी के बीच की दूरी सिमटकर 30 किलोमीटर की रह जाएगी. इस पुल के न होने पर बरसात में संपर्क कट जाता था. यही नहीं 100 किलोमीटर की दूरी भी बढ़ जाती थी.
दो एजेंसियां मिलकर कर रही थी निर्माण
यह भी जानकारी दे दें कि, इस पुल की एप्रोच रोड मिलाकर पुल की लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मधुबनी के उमगांव से महिषी तारापीठ (सहरसा) के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के एलाइनमेंट में यह पुल बन रहा है. यह निर्माण कार्य दो एजेंसी मिलकर कर रही है. इसमें गैमन इंडिया एवं ट्रांस रेल लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इस पुल का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहा. भारतमाला प्रोजेक्ट 5 पैकेजों में बन रहा है. इन्हीं में से एक पैकेज में इस पुल का निर्माण हो रहा है. यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के साथ उत्तर-पूर्व के राज्यों को जोड़ेगा.