Desk-बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एवं उनके मंत्री की तरफ से लगातार नई-नई जानकारी दी जा रही है जिसमें भूमि सर्वेक्षण को लेकर किसी तरह के हर बार आने या परेशान नहीं होने की बात कही जा रही है. इस सिलसिले में विभाग द्वारा फिर से स्पष्टीकरण दिया गया है की भूमि सर्वेक्षण के दौरान किन-किन करजाटों की जरूरत है और किन-किन कागजातों की कोई जरूरत नहीं है.
अब विभाग ने साफ कर दिया है कि पंचायत प्रतिनिधियों से प्रमाणित वंशावली और शपथ पत्र की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने पुश्तैनी जमीन को मालिकों के नाम दर्ज करने के लिए ये सर्वेक्षण शुरू किया है। इस प्रक्रिया में भूमि से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेजों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है।
नोटिस के मुताबिक, भूमि मालिकों को अपनी जमीन के सभी पुराने दस्तावेज, जैसे खतियान, रसीद, नक्शा आदि तैयार रखने होंगे।स्वघोषणा का प्रपत्र -2 रैयत या रैयत के वंशज द्वारा धारित भूमि को भर कर अपने अंचल के शिविर में जमा करें या भू-अभिलेख एवं परिमाप की वेबसाइट dirs.bihar.gov.in पर अपलोड करें।
खतियानी रैयत/जमाबन्दी रैयत के वंशज स्वयं प्रपत्र-3 (i) में वंशावली तैयार कर अपने अंचल के शिविर में जमा करें या निदेशालय की वेबसाइट dirs.bihar.gov.in पर अपलोड करें।
राजस्व रसीद की छायाप्रति स्वघोषणा के साथ संलग्न करें।
अगर क्रय/बदलैन/दान की भूमि हो तो दस्तावेज की छायाप्रति
अगर सक्षम न्यायालय का आदेश हो तो आदेश की छायाप्रति।
बन्दोबस्त भूमि/भू-दान प्रमाण पत्र/वासगीत पर्चा की छायाप्रति।
जमाबन्दी रैयत जीवित हैं तो केवल स्वघोषणा (प्रपत्र-2) देंगे, वंशावली नहीं।
प्रपत्र-3 (i) में वंशावली पर कार्यपालक दण्डाधिकारी/नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथ करने की आवश्यकता नहीं है।
प्रपत्र-3 (i) में वंशावली पर संबंधित ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि से हस्ताक्षरित कराना आवश्यक नहीं है।
खतियान के सच्ची प्रतिलिपि की आवश्यकता नहीं है।
किस्तवार प्रक्रम में अपने भू-खंड पर आपकी उपस्थिति अनिवार्य नहीं है
अगर आप स्वयं या आपका कोई विश्वस्त प्रतिनिधि जमीन पर उपस्थित रहता है तो सर्वे कर्मियों को पहचान में सुविधा होगी।
राजस्व रसीद की अद्यतन/ऑनलाइन प्रति की आवश्यक नहीं है।