बिहार में इन दिनों पुल गिरने का सिलसिला जारी है. कुछ दिन पहले ही सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल ध्वस्त हो गया था. जिसके बाद खूब सियासत भी देखने के लिए मिली थी. बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निशाने पर आ गए थे. इस बीच एक बार फिर से करोड़ों की लागत से बन रहे पुल का धंसने का मामला सामने आ गया है. दरअसल, यह पूरा मामला किशनगंज जिले का है जहां के ठाकुरगंज प्रखंड स्थित गंभीरगढ़ के पास एनएच 327 E पर मेची नदी पर नवनिर्मित पुल का पाया धंस गया.
मिली जानकारी के मुताबिक, करोड़ों की लागत से अररिया से गलगलिया तक (कुल लंबाई 94 किलोमीटर) सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा था. जिसमें गम्भीरगढ़ के समीप निवनिर्मित पुल का एक पीलर एक फिट धंस गया. वहीं, पीलर धंसने से पुल निर्माण कंपनी जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी सवालों के घेरे में है. वहीं, स्थानीय लोग इसे भ्रष्टाचार का नमूना बता रहे हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, ये मार्ग सात राज्यों को जोड़ती है और इसी मार्ग से हजारों भारी वाहनों का आगमन होता है. लेकिन, निवनिर्मित पुल से ना तो वाहनों का आगमन हुआ है और ना ही नदी में बाढ़ जैसी हालात है. इसके बावजूद पहले ही पुल का पाया धंसना पुल निर्माण में भारी धांधली को दर्शा रहा है.
इधर, ग्रामीणों ने मामले की जांच कर पुल निर्माण कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने की मांग की है. जबकि अन्य लोगों का कहना है कि, इसी पुल के ठीक बगल में सौ वर्ष पुराना पुल है, जिस का अभी तक इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन, नवनिर्मित पुल का धंसना एक बड़ा हादसा होने से टला. बता दें कि, बिहार में लगातार पुल धंसने का मामला सामने आ रहा है. सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल का मामला अभी भी जोरों पर है. पुल को लेकर केंद्र सरकार ने भी कंस्ट्रक्शन कंपनी एसपी सिंगला पर शिकंजा कसा और पूरी जानकारी मांग ली है.