पटना: बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। SIR समेत भ्रष्टाचार के मामले को लेकर युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सदाकत आश्रम से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले हैं। युवा कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय से निकल कर जब मुख्यमंत्री आवास की तरफ निकले तो पुलिस ने उन्हें राजापुर पुल के समीप रोकने की कोशिश की। इस दौरान बारिश के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठ गए। पुलिस ने जब उन्हें उठाने की कोशिश की तो युवा कांग्रेस के नेता सड़क पर ही लेट गए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार वोट चोर गद्दी छोड़ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि राज्य और केंद्र की सरकार वोट चोर तो है ही अब यह भूमि चोर भी बन गई है।
बिहार में हजार एकड़ जमीन राष्ट्रीय सेठ अडानी को एक रूपये में दे दी गई है। इस जमीन से हजारों पेड़ काटे जायेंगे। बिहार जैसी पवित्र भूमि पर अगर कोई सरकार इस तरह की तानाशाही करेगी तो हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें जबरन उठा कर पुलिस की गाड़ी में बैठाने की कोशिश की तो वे दरवाजे पर खड़े हो गए और कहा कि यह तानाशाह सरकार पुलिस लगा ले, या गुंडे बुला ले हम रुकने और झुकने वाले नहीं है। पुलिस हमें हिरासत में लेने की कोशिश कर रही है लेकिन हम ऐसे ही नहीं मानने वाले हैं। यह सरकार जनता विरोधी है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब को हिरासत में ले कर थाने चली गई। इस दौरान कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता भी सड़क से हटने का नाम नहीं ले रहे थे और सड़क पर ही लेट गए।
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पुलिस ने कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते हुए दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि आज पुलिस हमारे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रही है तो यह सिर्फ इनकी बात नहीं है बल्कि यह मुद्दा यहां के लोगों, किसानों की है। यह सरकार किसानों की जमीन औने पौने दामों में जबरन हथिया रही है और अपने कारोबारी मित्रों को उपहार में दे रही है। अब इस सरकार को तनिक भी डर नहीं है और खुलेआम इस तरह से अब निरंकुशता कर रही है। गरीब किसानों के आजीविका वाली भूमि हथिया कर कारोबारियों को दे रही है। हमलोग चुप नहीं रहने वाले हैं। बिहार और केंद्र की डबल इंजन सरकार बिहार के लोगों के अधिकारों का हनन कर रही है। भाजपा जदयू के अन्दर ही उनके भ्रष्टाचार का विरोध हो रहा है।
डबल इंजन की सरकार ने जिस जमीन को मुफ्त में एक कारोबारी को दे दी है वह जमीन स्वरोजगार वाली जमीन है। वहां उस जर्दालू आम की खेती होती है जो मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति आवास तक भेजी जाती है। बिहार की सरकार के सामने जब भी कोई अपने अधिकार की बात करता है तो पुलिस को आगे कर लाठी चलवाती है लोगों को गिरफ्तार करवाती है। क्या बिहार के लोगों के पास हक़ नहीं है कि वह अपने अधिकारों की मांग कर सकें। जब भी कोई व्यक्ति अपने अधिकार की मांग करता है तो उसके ऊपर राज्य की सरकार लाठी चलवाती है। राज्य की जनता यह निरंकुशता देख रही है और इस बार इनकी सरकार को उखाड़ फेंकेगी।
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