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नियोजित शिक्षकों की परेशानी अभी नहीं हुई है खत्म, कई जांच स्तरों से गुजरना होगा

The problems of employed teachers are not over yet, they wil

बिहार की राजधानी पटना में पिछले दिनों सक्षमता परीक्षा के विरोध में जमकर प्रदर्शन देखने के लिए मिला. हाल ऐसा था कि, सड़क से लेकर सदन तक बड़े ही जोर-शोर से यह मुद्दा गरमाया रहा. हालांकि, तमाम विरोध-प्रदर्शन और लाठियां खाने के बावजूद आखिरकार नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा हुई और लाखों की संख्या में शिक्षकों ने परीक्षा के लिए आवेदन दिया. लेकिन, सिर्फ सक्षमता परीक्षा दे देने के बाद ही उनकी परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है. बल्कि अभी तो उन्हें और भी कई सारे जांच स्तरों से गुजरना पड़ेगा. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि, अभी तो नियोजित शिक्षकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना है.    

प्रमाणपत्रों की होगी जांच

बता दें कि, परीक्षा के दौरान थंब इंप्रेशन लिया गया था. बायोमेट्रिक उपस्थिति के मिलान के अलावा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की भी दोबारा फिर से जांच की जाएगी. इसके बाद ही सब कुछ सही पाए जाने के बाद सफल नियोजित शिक्षकों को जिला आवंटित किया जाएगा. सक्षमता परीक्षा देने वाले सभी नियोजित शिक्षकों को नयी प्रक्रिया के तहत योगदान कराया जाएगा. परीक्षा समाप्ति के बाद अब परीक्षा में शामिल सभी शिक्षकों को अपने-अपने जिलों में जाकर थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान कराना है. बता दें कि, शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. साथ ही साथ चयनित एजेंसी के माध्यम से सभी जिलों में दो-दो मशीन दो महीने के लिए बुधवार से कार्यालय को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. खबर यह भी है कि, सक्षमता परीक्षा उत्तीर्णता के बाद सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की विद्यालय आवंटन के पूर्व काउंसिलिंग होगी. इसमें उनके प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी. इसके अलावा अंगूठे का निशान और अन्य बायोमेट्रिक मिलान भी किया जाएगा.

पांच बार ली जाएगी परीक्षाएं

वहीं, जांच को लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से यह भी बताया जा रहा है कि, सभी शिक्षक अभ्यर्थी का तीन बार थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान किया जाना है. पहला परीक्षा केंद्र पर हो गया है. अब परीक्षा के बाद मूल प्रवेश शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा संबंधित जिला के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को समर्पित करना होगा. इस दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा शिक्षक अभ्यर्थी का थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान किया जाएगा. साथ में मूल प्रवेश पत्र को पोर्टल पर अपलोड कर मूल प्रवेश पत्र को कार्यालय में सुरक्षित रखा जाएगा. इधर, जैसा कि शिक्षा मंत्री ने क्लियर कर दिया है कि, परीक्षा पांच चरणों में ली जाएगी. तीन बार ऑनलाइन परीक्षा तो वहीं दो बार ऑफलाइन परीक्षा ली जाएगी. शिक्षा विभाग के मुताबिक, पहले चरण में 2.32 लाख नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया. लेकिन, कितने नियोजित शिक्षक वाकई में परीक्षा में शामिल हुए, इसकी जानकारी अभी तक शिक्षा विभाग का द्वारा साझा नहीं किया गया है. 

ऐसे होगा जिला आवंटित

बात कर लें शिक्षकों के लिए जिला आवंटन की तो, सक्षमता परीक्षा में अंकों के आधार पर मेधा का निर्धारण किया जाएगा. सक्षमता परीक्षा में जिन शिक्षकों को बेहतर अंक मिलेगा उन्हें मनपंसद जिला आवंटित किया जाएगा. इसके साथ ही वैसे शिक्षक जिन्हें कम अंक प्राप्त होगा, उन्हें रेंडमली जिला व स्कूल आवंटित किया जाएगा. याद दिला दें कि, नियोजित शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प मांगा गया था. लेकिन, इसे लेकर नियोजित शिक्षकों का प्रदर्शन लगातार देखने के लिए मिल रहा है. दरअसल, कई शिक्षक संगठन ऐसे हैं जो दूसरे स्कूलों में स्थानांतरण चाहते ही नहीं हैं. वे सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं. वे परीक्षा सेदूर भाग रहे हैं. खासकर महिला नियोजित शिक्षकों को दूसरे जिला में बदलाव की वजह से परेशानी ज्यादा होगी. इस वजह से परीक्षा में शामिल नहीं होना चाह रही हैं. खैर, 6 मार्च को ही नियोजित शिक्षकों की परीक्षा खत्म हो गई. अब उन्हें खुद के रिजल्ट का इंतजार है. देखने वाली बात होगी कि, रिजल्ट आने के बाद नियोजित शिक्षकों की ओर से कैसे रिएक्शन मिलते हैं. 

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