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इथोपिया में फंसे मजदूरों का वतन वापसी शुरु ,जानें वजह..

The process of workers trapped in Ethiopia returning to Indi

Desk-इथोपिया में फंसे 21 भारतीयों की चरणबद्ध स्वदेश वापसी की शुरुआत हो गई है।वैश्विक स्तर की संस्था ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन- एचआरयूएफ के फाउंडर चेयरमैन एवं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने इस मामले में 19 जून को पहल की थी जिस पर त्वरित कारवाई हुई।यह एचआरयूएफ का सफल सातवाँ अंतर्राष्ट्रीय मिशन है। 


आज सुबह बिहार के सीवान के दो लोग राजकुमार यादव एवं राम मणि यादव इथोपिया से मुम्बई पहुँच चुके हैं। आज 5 भारतीय स्वदेश लौट रहे हैं।7 जुलाई की सुबह बेगूसराय का अमित कुमार  फ्लाइट से दिल्ली पहुँचेगा जबकि सीवान का संजय यादव,गोरखपुर का विनोद मौर्य, कुशीनगर का सुधीर पाठक और देवरिया का अमर लाल मुम्बई के रास्ते फ्लाइट से भारत पहुचेंगे। शेष 14 भारतीयों की भी शीघ्र चरणबद्ध वापसी जुलाई महीने में ही हो जायेगी। इन सभी में वतन वापसी को लेकर बेहद हर्ष है। इनके परिवार वाले बेहद खुश हैं। 


गौरतलब है कि इथोपिया से इन सभी की स्वदेश वापसी के लिये बेगूसराय के मुकेश कुमार पाठक ने एचआरयूएफ चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर के पास 19 जून को पत्र भेजकर गुहार लगाई थी।इस मानवीय मामले में श्री दफ्तुआर ने उसी दिन सार्थक पहल की थी। उन्होंने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस.जयशंकर और इथोपिया स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था और इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा स्थित भारतीय दूतावास के सेंकड सेक्रेटरी संजीव रंजन से इस संदर्भ में लंबी बातचीत की थी और बाद में भारत सरकार के स्तर से उसी दिन आफिसीयली रिप्लाई भी दफ्तुआर को भेजे गये थे। 

बताते चलें कि ये सारे लोग वर्ष 2022 में इथोपिया गये थें।वहाँ सरिया बनाने वाली कंपनी ऐशू पीएलसी ग्लेन (Yesu PLC Gelan) कंपनी में काम कर रहे थे। कंपनी में एक मजदूर के साथ हुये गंभीर हादसा के बाद यह सभी भारत लौटना चाहते थे। लेकिन उक्त कंपनी इन सभी का पासपोर्ट नहीं लौटा रही थी और अगले साल अगस्त में पूरी होनेवाली एग्रीमेंट की अवधि का हवाला देकर इन्हें विभिन्न तरीकों से लगातार प्रताड़ित कर रही थी।19 जून को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर की पहल के बाद 25 जून को उक्त इथोपियन कंपनी ने इन सभी 21 भारतीयों की कागजी कार्रवाई पूरी कर ली थी।और इस तरह इनकी भारत वापसी की राह प्रशस्त हो गया। 

तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की प्रेरणा से स्थापित वैश्विक स्तर की संस्था ह्युमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन-एचआरयूएफ का यह सातवाँ इंटरनेशनल मिशन है मानवाधिकार कार्यकर्ता और एचआरयूएफ चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआरb इससे पहले भी कई तरह की पहल कर चुके हैं.

इथोपिया से जिन 21 भारतीयों की वतन वापसी हो रही है उसमें समाज के निचले पायदान से आने वाले लोग हैं जिसमें दलित, पिछड़े और अगड़े सभी वर्ग के लोग शामिल हैं।

इथोपिया से वतन वापसी हेतु प्रतीक्षारत भारतीयों की सूची*:-


उत्तर प्रदेश-

देवरिया (3) -अजय सिंह, अमर लाल, दिनेश मिलन

कुशीनगर (3) -नागेन्द्र गुप्ता, सुधीर पाठक, मुन्ना कुमार यादव

महाराजगंज(1)- दुर्ग विजय मौर्य

गोरखपुर(1) -विनोद मौर्य

प्रयागराज (1) -सुरज यादव

जौनपुर (1) -विपिन सिंह


बिहार-

छपरा (2)- बिजेन्द्र कुमार राय, रोहित कुमार

गोपालगंज (2) - राममणि यादव, बैरिस्टर सिंह

बेगूसराय (1)-अमित कुमार

सिवान (3) -राजकुमार यादव, संजय यादव, शम्भु कुमार भगत

शिवहर(1)-शंकर कुमार



हिमाचल प्रदेश-

 सुरेन्द्र कुमार

 इथोपिया से 21 भारतीयों की चरणबद्ध वापसी की शुरुआत

7 भारतीयों की पहली सूची

बिहार

राजकुमार यादव, संजय यादव- सीवान

राम मणि यादव- गोपालगंज

अमित कुमार- बेगूसराय


उत्तर प्रदेश

विनोद मौर्य- गोरखपुर

सुधीर पाठक-कुशीनगर

अमर लाल- देवरिया

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