इस वक्त पूरा देश राममय हो गया है. अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पहले से ही रामभक्तों के बीच जबरदस्त उत्साह देखने के लिए मिल रहा है. प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों जोरों पर तो है ही इसके साथ ही वैदिक क्रियाएं भी चल रही है. 18 जनवरी को ही गर्भगृह में राम लला की नई मूर्ति स्थापित की गई. इस मूर्ति की नई तस्वीर सामने आई है. इसमें भगवान राम को 5 साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है. मूर्ति में भगवान राम का हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में दिख रहा है. उनके चेहरे पर कोमल मुस्कान है. उन्होंने अंगवस्त्र और धोती पहन रखी है.
मैसूर के मूर्तिकार ने किया है तैयार
मूर्ति को लेकर और भी जो जानकारियां सामने आई है, उसके मुताबिक भगवान राम की ये नई मूर्ति 51 इंच की है. इसे 'श्यामल' यानि कि काले पत्थर से बनाया गया है. इसे मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है. मूर्ति का वजन करीब 150 किलोग्राम है और जमीन से मापने पर इसकी कुल ऊंचाई सात फीट है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने भी कुछ दिन पहले ही नई मूर्ति की जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि मूर्ति पत्थर की है. इसमें भगवान राम को 5 साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है.
क्यों बनाई गई 51 इंच की मूर्ति ?
चंपत राय ने यह भी बताया था कि, मूर्ति में पांच साल के रामलला का मुस्कुराता चेहरा, आखें और शरीर है. मूर्ति में देवत्व है, वो भगवान का अवतार है, विष्णु का अवतार है और एक राजा का बेटा भी है. इस बीच 51 इंच की रामलला की मूर्ति को लेकर यह भी कहा गया है कि, रामलला की मूर्ति की ऊंचाई तय करते वक्त ये विचार हुआ था कि हर साल रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे जब सूर्य देव चमकते हैं और क्योंकि भगवान का जन्म रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे होता है तो भगवान पर सूर्य की किरण आकर पड़े. चंपत राय के मुताबिक, देश के काफी काबिल वैज्ञानिकों की मदद से यह सुनिश्चित किया गया.