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सिमरिया धाम की बदलने वाली है पूरी तस्वीर, CM नीतीश कुमार ने किया शिलान्यास

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बिहारवासियों और खासकर मिथिला के लोगों की आस्था के प्रमुख केंद्र, उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित पावन सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार योजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य मंत्री भी मौजूद थे. जिसके बाद 30 मई यानि कि आज का दिन मिथिलावासियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया है. क्योंकि उनकी आस्था के एक सबसे बड़े केंद्र के कायाकल्प का शुभारंभ हो गया है. बता दें कि, गंगा को सबसे पवित्र और पुण्यदायिनी नदी माना जाता है. आज मां गंगा का अवतरण दिवस 'गंगा दशहरा' भी है. कहा जाता है कि भगीरथ ऋषि द्वारा वर्षों की तपस्या के बाद आज ही के दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरी थीं. इसलिए उत्तरवाहिनी गंगा तट पर अवस्थित प्राचीन सिमरिया गंगा धाम के कायाकल्प के शुभारंभ के लिए गंगा दशहरा के दिन को बेहतर माना गया. 

वहीं, इसे लेकर मंत्री संजय कुमार झा ने कहा था कि, जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार योजना के तहत सिमरिया धाम में सीढ़ी घाट के निर्माण और रीवर फ्रंट के विकास के साथ-साथ और संपूर्ण कल्पवास मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाओं का निर्माण कराया जाएगा. योजना में सिमरिया धाम में राजेन्द्र सेतु और निर्माणाधीन सिक्स-लेन पुल के बीच में गंगा के बायें तट का आवश्यकतानुसार उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीट पाइलिंग करते हुए नदी भाग में लगभग 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट का निर्माण, स्नान घाट के निकट चेंजिंग रूम का निर्माण, स्नान घाट के समानांतर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था, गंगा आरती के लिए विनिर्दिष्ट स्थल का निर्माण, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप का निर्माण, शेडेड कैनोपी, वाच टावर, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था एवं लैंडस्केपिंग, शौचालय परिसर, धर्मशाला, पार्क, पाथ-वे, पार्किंग एवं प्रकाशीय व्यवस्था का निर्माण आदि शामिल है. इसके अलावा छह लेन सेतु से दक्षिण में स्थित मुक्तिधाम को भी बेहतर बनाया जाएगा.

बता दें कि, सिमरिया धाम में प्राचीन काल से ही हर साल कार्तिक मास में कल्पवास मेला लगता है, जिसमें बिहार ही नहीं, कुछ अन्य राज्यों तथा नेपाल तक से श्रद्धालु आते हैं. इनमें महिला श्रद्धालुओं और साधु-संतों की अच्छी संख्या होती है. वे एक माह यहां गंगा तट पर पर्णकुटी बना कर रहते हैं, प्रतिदिन गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं और सांसारिक मोह-माया को छोड़ कर दिनभर भजन-कीर्तन में लीन रहते हैं. मान्यता है कि सिमरिया में कार्तिक मास में कल्पवास करने से घर-परिवार में सुख-शांति-समृद्धि आती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

ये भी बता दें कि, सिमरिया धाम मिथिला का प्रवेश द्वार भी है. इसे मिथिला के लोग 'गेटवे ऑफ मिथिला' की तरह मानते रहे हैं. यह स्थल रेल और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. प्रस्तावित स्थल के दक्षिण में सिक्स-लेन पुल और हाईवे का निर्माण हो रहा है, जो पटना और खगड़िया को जोड़ेगा. दो बड़ा रेलवे स्टेशन बरौनी और मोकामा यहां से ज्यादा दूर नहीं है. यानी यहां कनेक्टिविटी का कोई इश्यू नहीं है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिमरिया धाम को हर की पौड़ी (हरिद्वार) से भी सुंदर बनाने का निर्देश दिया है. सिमरिया धाम का विकास और सौंदर्यीकरण होने पर यहां धार्मिक पर्यटन का तेजी से विकास होगा, दूर-दूर से श्रद्धालु आएंगे, धर्मशाला में ठहरेंगे. मिथिला और बिहार के विभिन्न जिलों से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तो वृद्धि होगी ही और उन्हें यहां आकर गर्व महसूस होगा. इससे आसपास के इलाके में होटल और परिवहन सहित कई तरह के कारोबार और रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

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