PATNA- ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर जब तक केके पाठक रहेंगे तब तक इस विभाग में वेतन कटौती और वेतन बंद होने का सिलसिला लगातार जारी रहेगा, वेतन चाहे शिक्षक का कटे या कर्मचारी का या फिर अधिकारी का, किसी न किसी बहाने किसी न किसी का वेतन कटौती होना तय है.
इसका अनुमान राज्य के सारण और सुपौल जिला के शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी किए गए आदेश से लगाया जा सकता है.
सारण जिला के शिक्षा पदाधिकारी ने अधिकांश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें कहा गया है कि आपका प्रखंड क्षेत्र में स्कूलों के निरीक्षण रिपोर्ट में एक भी स्कूल के शिक्षकों का वेतन काटने की अनुशंसा नहीं की गई है.इसका मतलब है कि आपके प्रखंड क्षेत्र में स्कूलों का निरीक्षण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है और इसमें लापरवाही हो जा रही है तो क्यों नहीं इसको लेकर आपको जिम्मेदार मानते हुए 7 दिनों की वेतन की कटौती की जाए.
वही एक दूसरा पत्र सुपौल जिला के एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी किया गया है जिसमें स्कूलों और निरीक्षी पदाधिकारियों की सूची जारी की गई है और इसमें कहा गया है आपने स्कूल के निरीक्षण की जो रिपोर्ट भेजी है उसमें एक भी शिक्षक ko अनुपस्थित नहीं दिखाया है. इसका मतलब है या तो अपने निरीक्षण में लापरवाही बड़ती है या फिर आपने रिपोर्ट बनाने में लापरवाही की है. इसलिए कार्य में लापरवाही को लेकर आपके एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया जा रहा है.
बताते चलें कि अभी स्कूलों में गर्मी छुट्टी चल रही है और ऑपरेशन दक्ष के तहत कमजोर बच्चों के लिए सुबह 8 बजे से 10 तक स्कूल चलाई जा रही है.इसमें मध्याह्न भोजन भी परोसा जा रहा है.स्कूल के निरीक्षण के लिए अधिकारियों की टीम बनाई गई है, इस टीम के द्वारा अधिकांश जगहों पर शिक्षकों के उपस्थित होने की रिपोर्ट भेजी जा रही है. इसके बाद शिक्षा विभाग ने निरीक्षण करने वाले अधिकारियों पर सवाल खड़ा किया है और लापरवाही का आरोप लगाते हुए वेतन कटौती का निर्देश दिया है