देश के आईटी शहर कहे जाने वाले बेंगलुरु का हाल 27 सितम्बर को पूरी तरह बेहाल रहा. शहर में ऐसा महाजाम लगा कि, पूरे शहर की रफ्तार ही एक दम धीमी पड़ गई. इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि, गाड़ियां इस कदर सड़कों पर फंसीं कि एक किलोमीटर का सफर पूरा करने में 2 घंटे का वक्त लगा. सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम शहर के बाहरी इलाके में स्थित रिंग रोड पर लगा जहां लोग 5 से 6 घंटे तक गाड़ियों में फंसे रहे. घंटों तक गाड़ियों का शोर, धुएं की दुर्गंध और हंगामे से जाम में फंसे लोगों का हाल बेहाल हो गया था.
बच्चे रात 8-9 बजे स्कूल से लौटे घर
यह समय बच्चों से लेकर बड़ों के लिए आफत भरा रहा. सुबह स्कूल के लिए निकले बच्चे रात के करीब 8 से 9 बजे तक घर पहुंचे. ट्रैफिक पुलिस के भी पसीने छूटने लगे थे. कई लोग सोशल मीडिया पर जाम के बीच से ही ऑनलाइन आए और अपनी परेशानियों के बारे में बताया. लोगों ने प्रशासन पर भी जमकर गुस्सा निकाला. जानकारी के मुताबिक, शहर में सामान्य से दोगुना भीषण जाम रहा.
जाम को लेकर पुलिस ने दी प्रतिक्रिया
बेंगलुरु ट्रैफिक कमिश्नर आईपीएस एमएन अनुचेथ के मुताबिक, वह अपनी टीम के साथ आउटर रिंग रोड पर थे. 27 सितम्बर को सामान्य तौर पर वाहनों की संख्या 1.5 से 2 लाख होती है. लेकिन, शाम साढ़े सात बजे करीब यह संख्या 3.5 लाख हो चुकी थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 28 अक्टूबर से 5 दिन का लंबा वीक ऑफ मिलने वाला है. ऐसे में लोग छुट्टियां बिताने के लिए बेंगलुरु से बाहर जाने के लिए निकले थे. कई जगहों पर भारी बारिश की वजह से जल जमाव भी ट्रैफिक जाम का एक कारण रहा.