बिहार में जाति आधारित गणना का काम पूरा हो चुका है. डेटा कलेक्शन का काम भी लगभग पूरा होने को है. साथ ही उन सभी डेटा को बस ऑनलाइन फीड करने का काम बचा हुआ है. लेकिन, अब तक जाति आधारित गणना का मामला सुप्रीम कोर्ट में फंसा हुआ है. दरअसल, 'एक सोच एक प्रयास' नाम के एनजीओ के तरफ से पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी और याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद आज मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें कि, 18 अगस्त को इस मामले में सुनवाई टल गई थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने नहीं आया था.
वहीं, जाति आधारित गणना के मामले में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकती है. पिछले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि, बिहार में सर्वे का काम पूरा हो चुका है. जो भी आंकड़े सामने आये हैं उसे भी ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है. यह भी कहा था कि, कोर्ट बिहार सरकार का पक्ष सुने बिना कोई रोक नहीं लगाई जा सकती है. जिसके बाद सुनवाई को टाल दिया गया था. बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने रोक संबंधी सभी याचिका को क्लब किया है. सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जायेगा.
यह भी बता दें कि, पटना हाईकोर्ट की तरफ से 1 अगस्त को ही फैसला सुनाया गया था. पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में अपना फैसला सुनाया और साफ तौर पर कहा था कि, बिहार सरकार चाहे तो जाति आधारित गणना का काम फिर से शुरू करा सकती है. जिसके बाद बिहार सरकार की तरफ से सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया गया था कि जल्द ही जाति आधारित गणना का काम पूरा कर लिया जाये. इस आदेश के बाद गणना का काम पूरा हो चुका है. इसके साथ ही डेटा कलेक्शन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है. साथ ही उन सभी डेटा को बस ऑनलाइन फीड करने का काम बचा हुआ है जो कि जल्द ही पूरा हो जायेगा.