समस्तीपुर जिले के ताजपुर में टमाटर के महंगे होने की चर्चा सरेआम है. टमाटर उत्पादक किसानों के मालामाल होने की भी चर्चा हो रही है. लेकिन, परिणाम एकदम इसके उलट है. टमाटर महंगा होने का फायदा किसानों के बजाय इसे कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक करने वाले व्यवसाई ने खूब उठाया. टमाटर महंगा होने की खबर फैलते ही सस्ता टमाटर खरीदकर कोल्ड स्टोरेज में रखने वाले व्यवसायियों ने इसे बाजार में उतारकर मैदान मार लिया.
इस बारे में मोतीपुर के टमाटर उत्पादक युवा किसान प्रदीप कुमार ने बताया कि, जब उपभोक्ता बाजार में 150 रुपये किलो टमाटर खरीद रहे थे, उस समय उन्होंने 4-5 दिन 70 रूपये किलो टमाटर मोतीपुर सब्जी मंडी में थोक दर में बेचा. उन्होंने बताया कि, जब टमाटर निकलना शुरू हुआ, उस समय 12-15 रूपये बिक्री शुरू हुआ. फिर कभी 20-25 तो कभी 30-35 रूपये टमाटर बिके. मोतीपुर के ही टमाटर उत्पादक किसान पंकज कुमार बताते हैं कि, सस्ते दर पर टमाटर खरीदकर कोल्ड स्टोरेज में रखने वाले व्यापारी बाजार में टमाटर उतार कर किसानों के कमाई पर पानी फेर दिया.
वहीं, टमाटर उत्पादक प्रगतिशील किसान ब्रहमदेव प्रसाद सिंह बताते हैं कि, जमीन किसान का, मेहनत किसान का, पूंजी किसान का और फायदा कोल्ड स्टोरेज में टमाटर स्टॉक करने वाले किसान का. लाल बहादुर सिंह बताते हैं कि, पूरे परिवार मिलकर रात-दिन मेहनत करने के बाद औसत 25-30 रूपये किलो टमाटर पड़ा जबकि व्यापारी सिर्फ पूंजी लगाकर किसानों के चौगुना आमदनी कर लिया. ऐसे में कैसे होगा जय किसान. वहीं, भाकपा माले प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने तमाम सब्जी मंडी के पास सब्जी रखने वाले कोल्ड स्टोरेज बनाने, किसानों को नि: शुल्क बिजली, पानी खाद, बीज, कृषि यंत्र देकर किसानों को सहायता प्रदान करने की सरकार से मांग की है.