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त्रिपिंडी श्राद्ध से भूत प्रेत का साया हो जाता है खत्म, जानें वह जगह ---

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Gaya -बिहार के गया में इन दिनों पितृपक्ष मेला चल रहा है। पितृपक्ष मेला 2024 का आज आठवां दिन है। गया शहर से 18 किलोमीटर दूर बोधगया स्थित धमारण्य में देश-विदेश से आए पिंडदानी अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने में जुटे हैं।

धमारण्य के तीर्थ पुरोहित पवन कुमार पांडेय और छोटू पंडा ने बताया कि यहां धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत के युद्ध में मारे गए अपने बन्धु बांधव के लिए यज्ञ और पिंडदान किया था। विभिन्न देशों से आए पिंडदानी धर्मारण्य वेदी पर त्रिपिंडी श्राद्ध करते हैं और तीर्थ यात्री अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए फल्गु में तर्पण करते है।

उन्होंने बताया कि यहां पर त्रिपिंडी श्रद्धा करने से जिनकी अकाल मृत्यु, भूत प्रेत की बाधा, जिनको संतान की प्राप्ति नहीं होता है या होकर नष्ट हो जाता, फांसी लगाकर और आग लगाकर मृत्यु हो जाती है उनके यहां पर श्राद्ध करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि यहां पर भगवान कृष्ण अपने पांच पांडवों के साथ आए थे और यज्ञ किए थे। यहीं पर भगवान बुद्ध भी 6 साल तक तपस्या किए थे।

गया से मनीष की रिपोर्ट..

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