झारखंड में दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव की शुरुआत आज से हो गई. इस मौके पर कई बड़े दिग्गज नेताओं ने शिरकत की है. इसके साथ ही केवल झारखंड ही नहीं बल्कि आन्ध्र प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ से भी कई कलाकारों ने शिरकत की है. इस दौरान लोगों के बीच गजब का उत्साह देखने के लिए मिला. वहीं, कार्यक्रम की शुरूआत करने के पहले मणिपुर में हुई हिंसा को याद किया गया. हिंसा में मारे गए सभी लोगों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन सीएम हेमंत सोरेन समेत अन्य दिग्गज द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई.
इसके दौरान करीब 35 किताबों का प्रकाशन किया गया. इतना ही नहीं, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिबू सोरेन एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा "झारखंड आदिवासी महोत्सव 2023" पर खास डाक टिकट का भी किया लोकार्पण किया गया. बता दें कि, इस दो दिवसीय आदिवासी महोत्सव में आदिवासी कला-संगीत, सांस्कृतिक और सहित्यिक विरासत का अद्भुत समागम होगा. वहीं आदिवासी फिल्म फेस्टिवल के साथ-साथ आदिवासी साहित्य पर चर्चा होगी. वहीं, कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को संबोधित भी किया.
अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने सबसे पहले आदिवासी महोत्सव को लेकर सभी को बधाई दी. इसके बाद कहा कि, आदिवासी महोत्सव का अपना एक अलग ही महत्व है. इसमें बहुत कुछ खास होने वाला है. आदिवासी अर्थव्यवस्था, मानवविज्ञान सहित कई विषयों पर चर्चा का आयोजन किया जायेगा. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि, मणिपुर में जो हिंसा हो रही है वह इस संघर्ष की ही पहचान है. संघर्ष है कट्टरपंथियों और जीओ और जीने दो की उदार ताकतों को बीच. संघर्ष है प्रकृति का विनाश करने वाले और प्रकृति का सहयोग बनकर रहने वाले लोगों के बीच. सीएम सोरेन ने आदिवासियों से एक साथ मिल कर लड़ने की अपील की.