जनता दल (यू0) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को बयान जारी कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार की होशियार जनता ने तेजस्वी यादव द्वारा 17 महीनों के कामकाज पर फैलाए जा रहे झूठ को पुरी तरह से खारिज कर दिया। परंतु आश्चर्य का विषय यह है कि करारी पराजय के बाद भी तेजस्वी यादव झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहें हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता के लिए उन्होंने राजनीतिक लोक-लाज का भी त्याग कर दिया है। उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि अपने माता-पिता के शासनकाल की चर्चा करने का नैतिक साहस तेजस्वी यादव के पास नहीं है इसलिए वे माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की उपलब्धियों का झूठा श्रेय लेकर अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश में जुटें हुए हैं। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल की सरकार में सिर्फ 33 हजार 499 शिक्षकों की बहाली हुई थी वहीं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के विगत 18 वर्षों के शासन में 5 लाख 61 हजार शिक्षकों की बहाली हुई है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 17 महीनों में जितनी भी नौकरियां दी गई उसमें तेजस्वी यादव या उनके दल के किसी भी तत्कालीन मंत्री का कोई योगदान नहीं था। सात निश्चय पार्ट-2 में माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था, यह बात बिहार की जनता भी बखूबी जानती है। तेजस्वी यादव के गाल बजाने से जनता पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव हर दिन अपने सलाहकारों और शागिर्दों से झूठ बोलने की ट्रेनिंग लेते होंगे क्योंकि इतनी साफगोई से झूठ बोलने की कला विरले लोगों में ही होती है।