Desk- पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार की ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी पर बड़ा सवाल उठाया है. इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के आरक्षण पर बयान को बचकाना बताकर निशाना साधा है.
जमुई में शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में शामिल होने आए जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी का कोई मतलब नहीं है। बड़े-बड़े शराब तस्कर नहीं पकड़े जा रहे हैं। थाने में एसपी और दारोगा शराब पीते हैं। रात में जज,कलेक्टर भी शराब पीते हैं,पर उन्हें कोई गिरफ्तार नहीं करता लेकिन मेहनत और मजदूरी करने वाले मजदूर पाव भर शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार हो जाते हैं और मीना सालों तक जेल में सड़ते रहते हैं. सिर्फ मजदूरों को ही जेल भेजा जा रहा है। जिसका खामियाजा मजदूरों के परिवारों को भुगतना पड़ता है। ये लोग रोज कमाते और रोज खाते हैं घर का कमाऊ सदस्य के जेल जाने से परिवार पर खासा असर पड़ता है.
इसके साथ ही मंत्री जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान के पटना में शेड्यूल कास्ट पर दिए बयान पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कहा कि चिराग पासवान अभी बच्चा है। उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है।बिहार में 22 शेड्यूल जातियां हैं । इसमें 18 जातियों की साक्षरता दर मात्र पांच प्रतिशत है। आज तक ये डीएम, एसपी और अन्य पदाधिकारी नहीं बन पाए। इसे बढ़ाने की जरूरत है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों चिराग पासवान ने कहा था कि शेड्यूल कास्ट में भी लोग बढ़िया पदाधिकारी बने हैं और शिक्षित हैं।