बिहार की सियासत में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है. बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. कहीं विपक्ष पर कटाक्ष किये जा रहे हैं तो कहीं अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी देखने के लिए मिल रही है. कुल मिलाकर देखा जाए तो सियासी पारा अभी पूरी तरह हाई है. इस बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था दिया कि, सीएम नीतीश कुमार सात जन्म तक अब बीजेपी के साथ जाने वाले नहीं हैं. इसे लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, ललन सिंह जी जदयू के नहीं बल्कि राजद के एजेंट बन गए हैं. आरजेडी को कैसे फायदा पहुंचे उसके लिए वह काम करते हैं. जेडीयू पार्टी डूब जाए या खत्म हो जाए उससे उनका कोई मतलब नहीं है.
सिर्फ कागजों में राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं ललन सिंह
आगे उन्होंने कहा कि, आज की डेट में ललन सिंह जी सिर्फ कागजों में राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. व्यवहार में उनका पूरे तरीके से आरजेडी का साथ है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात पर कहा कि, दिल्ली में हमारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है. बिहार की राजनीतिक परिदृश्य पर मुलाकात हुई थी कि बिहार में 2024 का लोकसभा चुनाव कैसे लड़ा जाए. साथ ही 40 सीट एनडीए गठबंधन हासिल करें, इस विषय पर चर्चा हुई है.
'नीतीश कुमार जी मेरे बड़े भाई हैं'
उपेन्द्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि, बिहार में लड़ाई मेरा राजद के साथ है, जदयू के साथ नहीं. नीतीश कुमार जी मेरे बड़े भाई हैं. अगर वह कुछ गलत करते हैं, तो हम छोटे भाई होने के नाते उनको समझा सकते हैं लेकिन उनकी नीतियों को हम कैसे बदल सकते हैं. नीतीश कुमार के प्रति हमें दर्द है लेकिन, इससे राजनीति का कोई संबंध नहीं है. नीतीश कुमार जी का चेहरा हम देखते हैं तो हमें दर्द जरूर होता है. उन्होंने बिहार को इस कदर बढ़ाया जैसा कि दुनिया में नाम होता. लेकिन, वही दलदल स्थिति में लेकर चल गए. अब क्या उनकी परेशानी रही ? क्या वजह रहा ? नीतीश कुमार आखिर उसी आरजेडी के हाथ में क्यों बिहार को सौंपना चाहते हैं ? यह तो हमको पता नहीं है.
'बिहार की जनता देगी जवाब'
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि, हमारी लड़ाई 2005 के पहले वाले से हैं. जब नीतीश कुमार जी एनडीए गठबंधन के साथ थे, तब हम उनके साथ थे. लेकिन, उन्होंने 2005 के पहले वाले के साथ जाने के लिए कदम उठाए तब हम अलग हो गए. बिहार की जनता सब देख रही है. आने वाले वक्त में नीतीश कुमार को और आरजेडी को करारा जवाब देगी.