RANCHI : देश का नया संसद भवन बनकर तैयार है. जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करने वाले हैं. लेकिन, संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दरअसल, नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेन्द्र मोदी के हाथों होना है, जिसके बाद से विपक्ष का लगातार विरोध देखने के लिए मिल रहा है. विपक्ष के तरफ से नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार भी कर दिया गया है. दरअसल, विपक्ष का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नहीं बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए.
JMM ने बताया राष्ट्रपति का अपमान
झारखंड में भी उद्घाटन समारोह का जबरदस्त विरोध किया जा रहा है. झारखंड में सत्तारूढ़ दल जेएमएम ने इसे सीधे तौर पर राष्ट्रपति और आदिवासियों का अपमान बताया है. दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रिया भट्टाचार्य ने बीजेपी और पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि, नए संसद भवन का उद्घाटन सीधे तौर पर संविधान के सर्वोच्च पद पर विराजमान महामहिम राष्ट्रपति का अपमान है. भारतीय जनता पार्टी की मानसिकता दलित आदिवासियों के प्रति सही नहीं है. भारतीय जनता पार्टी यह नहीं चाहती कि आदिवासी इसका लोकार्पण या उद्घाटन करे.
JMM का BJP पर बड़ा आरोप
जेएमएम ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में आने के बाद राष्ट्रपतियों की जाति बताई गई और उन्हें अपमानित करने का हर हथकंडा भारतीय जनता पार्टी ने इस्तेमाल किया. साथ ही सुप्रिया भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि, इस देश में राष्ट्रपति हैं लेकिन उद्घाटन में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया जबकि वह अपने आप में एक संस्थान है सांसद का अंग है लेकिन उसके बाद भी उन्हें वहां आने की अनुमति नहीं है.