पांच वाम दलों के देशव्यापी आह्वान पर आज राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में वामपंथी कार्यकर्ताओं और अमन-इंसाफ पसंद नागरिकों ने इंटरनेशल कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद विगत एक साल से फिलिस्तीन में जारी बर्बर जनसंहार, लेबनान को दूसरा गाजा बना देने की साजिश और मोदी सरकार द्वारा निर्लज्जता के साथ इजरायल-अमेरिका गठजोड़ के पक्ष में खड़े होकर भारत की साम्राज्वाद विरोधी परंपरा व उत्पीड़ित देशों की मुक्ति के समर्थन की नीति से विश्वासघात के खिलाफ फिलिस्तीन एकजुटता मार्च किया।प्रदर्शन के दौरान वाम कार्यकर्ता फिलिस्तीन में युद्ध पर अविलंब रोक लगाने और शांति स्थापना की मांग कर रहे थे.मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले की पोलित ब्यूरो की सदस्य शशि यादव, विधायक गोपाल रविदास, अमरजीत कुशवाहा और सीपीआई के जिला सचिव विश्वजीत कुमार ने संयुक्त रूप से की।वक्ताओं ने कहा कि साल भर से गाजा में जनसंहार चल रहा है और अब लेबनान को दूसरा गाजा बनाने की साजिश हो रही है. इसके खिलाफ न्याय की आवाज बुलंद करने के लिए हमसब एकत्रित हुए हैं. पूरे देश में आज वाम दलों के कार्यकर्ता इस जुल्म का विरोध कर रहे हैं. यह जो आवाज गूंज रही है, यह फिलिस्तीनियों के हक की आवाज है।आरएसएस-भाजपा का प्रचार तंत्र देश में फिलिस्तीन विरोधी और इजरायल के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. इसे हम तोड़ देना होगा. आज भारत में फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े होने वाले लोगों को जेलों में डाल दिया जा रहा है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. इसका हमें मजबूत विरोध करना होगा. फिलिस्तीन की आजादी की पक्ष में जो आवाज उठ रही है वही आवाज हिंदुस्तान में जम्हूरियत की आवाज है. यह आवाज जितनी मजबूत होगी हमारी लड़ाई भी उतनी ही मजबूत होगी. वाम नेताओं ने पूरे देश में अमेरिकी-इजरायल गठजोड़ और भारत सरकार की मिलीभगत के खिलाफ न्याय की आवाज को बुलंद करने का आह्वान किया।