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बिहार में 200 रुपये दर्जन बिकता है यह केला, खाने से मिलेगा प्रोटीन, नहीं बढ़ेगा मोटापा

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वैसे तो देश-दुनिया में वैशाली के हाजीपुर का केला काफी मशहूर है, लेकिन इन दिनों वैशाली के गौरौल स्थित केला अनुसंधान केंद्र में किसानों के लिए एक खास नस्ल के केले की नर्सरी तैयार की गई है. फिलहाल किसानों को ट्रायल के रूप में तीन-चार पौधे देकर खेती की शुरुआत कराई जा रही है.

इस खास किस्म के केले को बाहर से देखने पर यह सामान्य केले की तरह दिखता है, लेकिन पकने के बाद यह सामान्य सफेद केले से इतर लाल हो जाता है. सबसे खास बात यह है कि इस केले में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है. इससे मोटापा बढ़ने का खतरा बिल्कुल कम हो जाता है. वहीं, प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है.

200 रुपये दर्जन तक बिकता है लाल केला

केला अनुसंधान केंद्र का मानना है कि केले का पौधा 30 रुपये में बेच सकते हैं. केले की अच्छी फसल होने पर 150 से 200 रुपए दर्जन के हिसाब से लाल केले की बिक्री हो सकती है. जबकि, हाजीपुर में होने वाले अल्पान, बतिशा और मुठिया केला की कीमत 20 से 50 रुपए दर्जन के बीच होती है. ऐसे में वैशाली के किसानों को लाल केले की खेती से काफी फायदा हो सकता है. बताया जा रहा है कि पहली बार केला अनुसंधान केंद्र ने खास किस्म के लाल केले को मंगवाया है, जिसकी बिक्री भी केला अनुसंधान केंद्र के द्वारा की जा रही है. हालांकि, अभी इनके पास पर्याप्त मात्रा में केले का पौधा उपलब्ध नहीं है. इसलिए जो भी किसान आ रहे हैं, उन्हें तीन से चार केले के पौधे दिए जा रहे हैं.

किसान और ग्राहक दोनों के लिए फायदेमंद

केला अनुसंधान केंद्र के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लाल केले से आने वाले दिनों में वैशाली के किसानों को काफी फायदा होने का अनुमान है. यही कारण है कि वैशाली के किसान काफी उत्साहित हैं. बता दें कि बेहतरीन केला उत्पादन के लिए वैशाली का हाजीपुर देश-दुनिया में मशहूर है. अन्य किस्मों के साथ-साथ लाल केला का उत्पादन निश्चित तौर पर किसानों के साथ-साथ ग्राहकों के लिए भी बेहद फायदेमंद है.

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