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वामपंथी एवं जनवादी दलों के नेताओं ने भी सीताराम याचूरी को श्रद्धांजलि

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कॉमरेड सीताराम येचुरी के विरासत को आगे ले जाने के संकल्प के साथ सीपीएम तथा वामपंथी जनवादी दलों के नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।कॉमरेड सीताराम के असमय निधन को सीपीआई(एम) वामपंथी तथा जनतांत्रिक आंदोलन के लिए अपूरणीय क्षति बताया।शोक सह संकल्प सभा की शुरूआत कॉमरेड सीताराम येचुरी के  चित्र पर सीपीआई(एम)के पोलित ब्यूरो के सदस्य कॉमरेड डॉक्टर अशोक धवले के नेतृत्व में पुष्प अर्पण से हुआ। उसके बाद सीपीएम के बिहार राज्य सचिव ललन चौधरी, सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडे, सीपीआई(एम एल)के पोलित व्यूरो सदस्य एवं नवनिर्वाचित सांसद कॉमरेड राजाराम सिंह, के०डी० यादव, मार्क्सवादी-लेलिनवादी न्यू डेमोक्रेसी के नेता नंदकिशोर सिंह, फारवर्ड ब्लाक के राज्य अध्यक्ष अमिरिका महतो आदि प्रमुख नेताओं ने पुष्प अर्पित किया।इसके बाद सीपीएम के राज्य सचिव कॉमरेड ललन चौधरी की अध्यक्षता में सभा की गयी।कार्यक्रम में शामिल लोगो ने एक मिनट मौन रहकर दिवंगत कॉमरेड को श्रद्धांजलि दी। कॉमरेड सीताराम के पाँच दशक के राजनीतिक जीवन और देश के वामपंथी जनवादी आंदोलन को राजनीतिक दिशा देने में उनकी भूमिका का उल्लेख किया गया।वामपंथी दलों में सीपीआई के राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पांडे, सीपीआई(एम एल) के पोलित व्यूरो सदस्य एवं सांसद राजाराम सिंह, फॉरवर्ड ब्लॉक के अमिरिका महतो, मार्क्सवादी लेनिनवादी न्यू डेमोक्रेसी के नंदकिशोर सिंह आदि सभी वक्ताओं ने कॉमरेड सीताराम के असामयिक निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनके अधूरे कार्यो के पूरे करने का संकल्प व्यक्त किया।कॉमरेड अशोक धवले ने कॉमरेड सीताराम येचुरी के साथ अपने 45 वर्षों के लंबे सम्बन्धो को चर्चा करते हुए एस०एफ०आई०के अखिल भारतीय अध्यक्ष,पार्टी के केंद्रीय कमिटी के सदस्य और बाद में पार्टी के महासचिव के रूप में उनके राजनीतिक एवं वैचारिक योगदानों को विस्तार से चर्चा की और उन्हें देश मे बढ़ते फासीवादी खतरे को शुरुआती दौर में ही पहचानने वाले दूरदर्शी नेता के रूप में रेखांकित किया वो अपने मृत्यु पर्यन्त इस खतरे के खिलाफ वामपंथी एकता के साथ साथ तमाम तरह की जनतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक शक्तियों को इकट्ठा करने में संलग्न रहे। इसकी परिणति 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के गठन एवं चुनाव में भाजपा की सीटों में भारी कमी के रूप में सामने आया। अपने संसदीय कार्यकाल के12 वर्षो में उन्होंने किसानों मजदूरों के मुद्दे के साथ साथ नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहे।देशभर में पिछले एक दशक में किसानों, मज़दूरों को राजनीतिक दिशा देने में अग्रणी भूमिका निभाई बिहार और महाराष्ट्र की पार्टी के पर्यवेक्षक के रूप में भी उन्होंने दोनों राज्यों में पार्टी के विकास के लिए अथक प्रयास किए।कॉमरेड सीताराम येचुरी की कमी तो खलेगी लेकिन हमें पूरे संकल्प के साथ उनके विरासत को आगे ले जाने का संकल्प लेना होगा।इस कार्यक्रम का संचालन पार्टी के सचिव मण्डल सदस्य सह विधायक दल के नेता अजय कुमार ने किया। इस कार्यक्रम का समापन कम्युनिष्ट अंतराष्ट्रीय गीत के साथ हुआ।

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