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आज देश को मिलेगी 9 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात, PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

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देश में वंदे भारत ट्रेन का विस्तार फुल स्पीड से किया जा रहा है. हर राज्य में वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना चल रही है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी कि रविवार को देश को एक साथ 9 वंदे भारत ट्रेनों की सौगात देने जा रहे हैं. गुजरात से लेकर बिहार तक, केरल से लेकर तमिलनाडु तक, कई राज्यों में नई वंदे भारत ट्रेनें चलने जा रही हैं.

बताया जा रहा है कि राजस्थान, हैदराबाद, बिहार, ओडिशा, गुजरात, चेन्नई समेत कई राज्यों से पीएम मोदी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. ये सभी ट्रेनें उन रूट्स पर चलने जा रही हैं जहां पर ट्रैफिक ज्यादा रहता है, ऐसे में समय बचाने के लिहाज से इसे काफी अहम माना जा रहा है. वंदे भारत ट्रेनें कई तरह की सुविधाओं से लैस रहती हैं, इनमें यात्रियों का आराम भी दूसरी ट्रेनों की तुलना में ज्यादा मिलता है. इसी वजह से कम समय में ये काफी लोकप्रिय हो गई हैं.

किन रूट्स पर चलने वाली है वंदे भारत?

पीएम मोदी द्वारा अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी. इस समय बाय रोड जामनगर से अगर अहमदाबाद आना हो तो सात से आठ घंटे लग जाते हैं, लेकिन वंदे भारत आने के बाद ये रास्ता सिर्फ पांच घंटे में पूरा किया जा सकेगा. दिन में 6 दिन चलने वाली ये ट्रेन जामनगर से रवाना होगी और राजकोट, वांकानेर, सुरेंद्रनगर वीरमगाम जैसे इलाकों को भी कवर करेगी. ये एक अर्ली मॉर्निंग ट्रेन रहने वाली है जो सुबह साढ़े पांच बजे चलेगी और 10.10 पर अहमदाबाद भी पहुंचा देगी. जानकारी के लिए बता दें कि ये गुजरात की तीसरी वंदे भारत ट्रेन रहने जा रही है.

केरल में भी भगवा रंग की वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी आज ही दिखाने की योजना है. ये कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच चलने वाली है। इस रूट पर भी 6 दिन के लिए वंदे भारत चलने जा रही है. इससे पहले एक और वंदे भारत ट्रेन को केरल में लॉन्च किया जा चुका है. इसके अलावा तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस भी कल से ही शुरू होने जा रही है. जो दूरी पहले 10 घंटे से ज्यादा की रहती थी, वो अब 9 घंटे से भी कम हो जाएगी.

पुरी-राउरकेला वंदे भारत एक्सप्रेस भी आज से ही शुरू होने जा रही है. पीएम मोदी वर्चुअल अंदाज में इसे भी हरी झंडी दिखाएंगे. शनिवार छोड़कर बाकी 6 दिन ये ट्रेन यात्रियों की सेवा में पटरियों पर दौड़ती रहेगी. इसके अलावा हैदराबाद-बेंगलुरु, जयपुर से उदयपुर, पटना-हावड़ा और रांची-हावड़ा के बीच भी आज ही वंदे भारत शुरू होने जा रही है.

दूसरी ट्रेनों से अलग कैसे वंदे भारत?

जानकारी के लिए बता दें कि वंदे भारत पूरी तरह स्वदेशी ट्रेन है, जिसका इंजन यहां बनता है, कोच यहां बनता है. इस ट्रेन में कई ऐसी सुविधाएं हैं जो दूसरी ट्रेनों में नहीं मिलती. जीपीएस सिस्टम से आप अपनी लोकेशन और ट्रेन की लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं. ऐसी तकनीक का इस्तेमाल है कि तेजी से रफ्तार पकड़ती है और उतनी ही स्पीड में ब्रेक भी लगा सकती है. यानी कि तेज स्पीड भी और समय रहते ब्रेक भी. इस वजह से जो एक जगह से दूसरी जगह की दूरी रहती है, उसको कवर करने में दूसरी ट्रेनों के मुकाबले काफी कम समय लगता है. इसके अलावा जिस तरह से मेट्रो में ऑटोमेटिक दरवाजे रहते हैं, यहां भी वही सुविधा है. जब तक दरवाजे बंद नहीं हो जाते, ट्रेन नहीं चलती, यानी कि यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रहता है.

सरकार के सामने क्या चुनौती?

वैसे जानकार मानते हैं कि वंदे भारत ट्रेन को लेकर भी अपनी चुनौतिया हैं. जनसत्ता से बात करते हुए रिटायर्ड Indian Railway Service of Engineers (IRSE) के अधिकारी आलोक कुमार वर्मा ने कहा था कि किसी चीज के लिए जरूरत से ज्यादा कर देना, इसका प्राइम एग्जांपल वंदे भारत है. ये बस प्रोपेगेंडा के लिए किया जा रहा है. देखिए समझने की बात ये है कि वंदे भारत से कोई ट्रेनों की स्पीड नहीं बढ़ गई है. सभी वंदे भारत को देखा जाए तो सिर्फ 10 से 15 मिनट का सफर कम हुआ होगा. ये कोई फास्ट ट्रेन नहीं मानी जा सकती है क्योंकि इसे आप पुराने ट्रैक पर ही चला रहे हैं. इसके ऊपर जिन ट्रैक पर इन्हें चलाया जा रहा है, उन पर वैसे भी कितनी आवाजाही रहती है.

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