जब से आईएएस केके पाठक ने बिहार के शिक्षा विभाग की कमान संभाली है तब से यह विभाग लगातार विवादों में है. किसी ना किसी मुद्दे को लेकर शिक्षा विभाग सुर्खियों में छा ही जाता है. कभी केके पाठक के फरमान तो कभी अन्य वजहों से यह विभाग चर्चे में रहता है. इस बीच बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शिक्षा विभाग को लेकर कुछ ज्यादा ही सख्त दिख रहे हैं. दरअसल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की. जिसके बाद राज्यपाल ने शिक्षा विभाग के खिलाफ सख्ती दिखा दी है.
कुलपतियों ने सभी परेशानियों को किया साझा
मुलाकात के दौरान कुलपतियों ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की ओर से उनके साथ किए जा रहे बर्ताव से अवगत कराया. जिसके बाद राज्यपाल ने कहा कि, शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों और राजभवन के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए. कुलपतियों ने राज्यपाल को यह भी बताया कि, शिक्षा विभाग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर विश्वविद्यालयों के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप किया जा रहा है जिससे शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ ही कुलपतियों ने राज्यपाल के सामने शिक्षा विभाग से जुड़ी अन्य परेशानियों और विश्वविद्यालय की समस्याओं को भी साझा किया.
राज्यपाल ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
कुलपतियों की शिकायत सुनने के बाद राज्यपाल ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों एवं राजभवन के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करना चाहिए. आपको याद दिला दें कि, पिछले साल दिसंबर में ही राज्यपाल से एमएलसी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था. शिक्षा विभाग के खिलाफ शिकायत की थी. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था. बिहार राजभवन ने दिसंबर में ही राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र भेजा था. इधर, हाल के दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा पारित असंवैधानिक और निरंकुश आदेशों के खिलाफ तत्काल सुधारात्मक उपाय करने के लिए भी कहा था.