बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आज सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की । तदुपरांत वे महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर भी गए । उक्त यात्रा के क्रम में उन्होंने कहा कि भगवान सोमनाथ का मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक होने के कारण वंदनीय तो है ही साथ ही यह भारतीय जनमानस की भक्ति और जीवटता का भी प्रतीक है । कई बार इस पावन स्थल को बर्बर आक्रांताओं ने पददलित करने का प्रयास किया । लेकिन यह तीर्थ विध्वंस के कुचक्र से बार-बार उबर कर अपनी दिव्यता को पुनर्स्थापित करने में सफल रहा ।श्री सिन्हा ने आगे कहा कि हर परिस्थिति में रचना और निर्माण की प्रवृत्ति ही भारतीय संस्कृति की पहचान रही है । आज भी हमारी सनातन संस्कृति पर निरर्थक सवाल खड़े कर उसे कलंकित करने के प्रयास जारी हैं । लेकिन हम अपने स्वभाव के अनुसार समरसता और सृजन के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं । इसलिए आज दुनिया उम्मीद भरी नजरों से भारत की ओर देख रही है ।श्री सिन्हा ने बताया कि पोरबंदर में बापू की जन्मस्थली पर जाने का अनुभव भी किसी तीर्थाटन से कम नहीं है । वहां जाकर उस परिवेश से जुड़ने का अनुभव हुआ जहां भगवान राम और कृष्ण भक्ति शक्ति और जीवन की युक्ति के प्रतीक समझे जाते हैं । महात्मा गांधी ने भी भगवान राम और कृष्ण की भक्ति के मर्म को आत्मसात कर देश को सत्य, अहिंसा और आजादी की महान विरासत दी । आज महात्मा गांधी का सरनेम और उनकी विरासत को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने वाले लोग 'गांधी मार्ग' का ही मजाक उड़ा रहे हैं । स्वदेशी, शाकाहार, सद्भावना के जितने संदेश बापू ने दिए ये लोग आज उन सभी धारणाओं को एक-एक कर खंडित करने में जुटे हैं । बापू भारत को भारतीयों द्वारा पोषित संस्कृति वाला 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' बनाना चाहते थे । आज उनके नाम का इस्तेमाल करने वाले परिवारवादी विभाजन और विद्वेष की आग में झोंकने के प्रयास में जुटे हैं । लेकिन इनके ये विध्वंसक प्रयास किसी कीमत पर सफल नहीं होंगे ।