जीवन के हर क्षेत्र में 'खेल भावना' को अपनाएं युवा :बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए उन्हें भारत की समृद्ध विरासत का एक अनमोल रत्न बताया । उनका व्यक्तित्व और खेल के मैदान पर उनका कृतित्व 'प्रतिभा का सम्मान राष्ट्र का उत्थान' की भावना का संचार करता है । उन्होंने कहा कि हमें मेजर ध्यानचंद से प्रेरणा लेनी चाहिए । हम चाहे जीवन के किसी भी क्षेत्र से जुड़े हों 'स्पोर्ट्समैन स्पिरिट' के साथ अपने लक्ष्य की ओर समर्पित रहना चाहिए तथा खुद में टीम भावना जगाकर स्वयं से पहले अपने समाज और देश के लिए काम करने का प्रयास करना चाहिए ।श्री सिन्हा ने राजगीर के बन रहे खेल अकादमी तथा खेल विश्वविद्यालय का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली NDA सरकार के इस पहल से राज्य के 'खेल परिदृश्य' में निर्णायक बदलाव आएगा । बिहार में प्रतिभाओं का अभाव कतई नहीं है । आवश्यकता है उन्हें बेहतर दिशा देने की । खेल अकादमी, खेल परिसर और खेल विश्वविद्यालय के निर्माण से राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और प्रदर्शन के लिए उपयुक्त मंच मिल सकेगा ।श्री सिन्हा ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का भी निर्माण होने जा रहा है । इससे बिहार भी अब अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर सकेगा । राजद के जंगलराज में जिस प्रकार से बिहार में कार्यरत खेल संघों की मान्यता तक रद्द हो गई थी उससे न केवल राज्य की बदनामी हुई थी बल्कि व्यापक स्तर पर प्रतिभाएं कुंद हुई थीं । जरा सोचिये जो महेंद्र सिंह धोनी दुनिया भर में 'कैप्टन कूल' के नाम से मशहूर हुए उन्होंने ने अपने करियर की शुरुआत बिहार क्रिकेट टीम से की थी । लेकिन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में लालू प्रसाद के प्रादुर्भाव के कारण उन्हें झारखंड की टीम में शामिल होना पड़ा था । राज्य की NDA सरकार बिहार खेल परिदृश्य की पुरानी प्रतिष्ठा को न केवल वापस लाने में जुटी है बल्कि उसे अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धी बनाने में प्रयासरत है ।श्री सिन्हा ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री ने भी 'खेलो इंडिया' और 'ओलंपिक पोडियम' जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की ऐतिहासिक पहल की है । उनका सपना है कि देश 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी करे । उनकी इस सोच को सच करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों से आज बिहार ने भी कदम बढ़ा दिया है । अब बिहार के युवा न केवल ओलंपिक में भाग लेने के योग्य बन पाएंगे, बल्कि भविष्य में हम ऐसे आयोजनों की मेजबानी भी कर पाएंगे ।