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भारत की सभ्यता एवं संस्कृति के लिए कट्टरपंथी का कोई स्थान नहीं:विजय सिन्हा

Vijay on samaj

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत की सभ्यता,संस्कृति और शिक्षा में कट्टरपंथी सोच के लिए कोई स्थान नहीं है । हमने हमेशा 'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना के साथ सभी मतों को सम्मान देने वाले समरस समाज का समर्थन किया है । यही हमारे संविधान की मूल भावना भी रही है ।श्री सिन्हा ने आगे कहा कि हमारे देश में जनता मालिक है । इसलिए जनता के पैसे से चलने वाले संस्थान हों , शिक्षण केंद्र हों या सरकार प्रायोजित योजनाएं हों उनमें संकीर्णता और कट्टरवाद के लिए कोई जगह हो ही नहीं सकती । हमारी सरकार भी 'सबका साथ सबका विकास' के लक्ष्य को सामने रखकर 'न्याय के साथ विकास' को सर्वसुलभ बनाने में जुटी है । इसमें किसी व्यक्ति अथवा सरकार समर्थित संस्थानों के माध्यम से सामाजिक समरसता को असंतुलित करने के हर प्रयास पर सरकार नियमानुसार संज्ञान लेगी ।श्री सिन्हा ने कहा कि हम शिक्षा में अपने सनातन मूल्यों के संरक्षण के साथ आधुनिकता और नवाचार को बढ़ावा देने के पक्षधर हैं । इसलिए हर धर्म से जुड़े महापुरुषों के प्रति सम्मान और आदर हमारी शिक्षा प्रणाली की मूलभूत विशेषता रही है । हमने हर धर्म और मत से जुड़ी अच्छाइयों से सीखने की संस्कृति को जिया है । इसीलिए भारत अनेक मतों की मौजूदगी के बावजूद आज भी एक है । हमारी नई शिक्षा नीति में भी इसी मूल्य आधारित आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने की भावना अभिव्यक्त की गई है ।श्री सिन्हा ने कहा हम जिस लोकतांत्रिक समाज के अंग हैं वहां दलगत विचारधाराएं अलग-अलग हो सकती है । हमारे काम करने के तौर-तरीके अलग हो सकते हैं । पर हर वर्ग का उत्थान और कल्याण ही सबका अंतिम लक्ष्य है । इसलिए यदि हमारे बच्चों या युवाओं में कट्टरता के बीज बोने का कोई प्रयास अगर प्रामाणिक रूप से संज्ञान में आता है तो उससे न केवल कड़ाई से निपटा जाएगा बल्कि जिम्मेदार लोगों पर नियमसंगत कार्रवाई भी की जाएगी ।

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