बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्ष पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में जो राजनीतिक परिस्थितियां उभर रही हैं उसमें एक तरफ सुशासन का संकल्प और दूसरी तरफ एक परिवार के कुशासन को सुरक्षित करने की मानसिकता है । हम सबका साथ सबका विकास की भावना से 'न्याय के साथ विकास' को जन-जन तक पहुंचाने में जुटे हैं । वहीं राजद के नेतृत्व में विपक्ष सामाजिक विभाजन को अनावश्यक हवा देकर राज्य को एक बार फिर से जातीय हिंसा का रंगमंच बनाना चाहता है ।आगे कहा कि जेपी आंदोलन के जमाने से ही व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिए जनभावनाओं को उभरना, लोगों को आपस में लड़ाना और पद-प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करना लालू प्रसाद के राजनीति की मौलिक पहचान रही है। आगे जब वे राज्य की सत्ता में आए तब भी जिन-जिन लोगों ने विपरीत परिस्थितियों उनका साथ दिया । उन्होंने उनसब को छलने का काम किया । सामाजिक न्याय के नाम पर उन्होंने राज्य के समग्र विकास को ताक पर रखकर उन्होंने केवल 'पहचान की राजनीति' का पोषण किया । आगे उनकी पहचान की राजनीति का दायरा भी 'परिवार की राजनीति' तक सिमट कर रह गया ।श्री सिन्हा ने कहा कि अपने और अपने परिवार की सत्ता को संरक्षित रखने के लिए लालू ने राज्य को 'अपराधियों का अभ्यारण्य' बना दिया था । कानून के शासन की जगह बिहार में राजद के अराजक तत्त्वों की दादागिरी की धमक होती थी ।जबकि लालू प्रसाद ने जनता से 'असली लोकतंत्र' और सामाजिक न्याय नाम पर जनमत हासिल किया था ।श्री सिन्हा ने कहा कि आज तेजस्वी भी ठीक पिता की राह पर ही हैं । जब लोगों के बीच जाते हैं तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं । जनभावनाओं को निराधार बातों से भड़का कर उसका राजनीतिक लाभ लेने में जुटे रहते हैं । जब सत्ता में आते हैं तो अपने पिता की तरह 'कास्ट, क्राइम और कमीशन' पर टिकी राजनीति को बढ़ावा देने लगते हैं । इसलिए आज बिहार की जनता पूरी तरह जागरूक हो चुकी है । वह आतंक,अराजकता और हिंसा पर आधारित राजद की राजनीति को नकार कर इस उपचुनाव में ही नहीं आगमी विधानसभा चुनाव में भी NDA की सामाजिक समरसता के साथ सतत विकास नीति और नीयत वाली राजनीति को अपना समर्थन देगी ।