बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में 'शोकगीत' पढ़ने में जुट गया है । लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह तो स्पष्ट ही था कि मोदी जी के नेतृत्व में NDA की प्रचंड जीत होने जा रही है । लेकिन एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा ।श्री सिन्हा ने कहा कि प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया । अब जबकि चुनाव अपने अन्तिम पड़ाव पर पहुंचने को है, तो इन बयानवीरों की तरकश के सारे तीर अब चूक कर समाप्त हो चुके हैं । अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं । श्री सिन्हा ने आगे कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं । लोगों को याद है कि इनके शासनकाल में चुनाव आयोग का नेतृत्व करने वाले एक व्यक्ति कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, दूसरे व्यक्ति मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं । लेकिन तब भी हमने कभी चुनाव आयोग की शुचिता पर सवाल नहीं उठाया । उसी तरह हम हारे हों या जीते हों उसके लिए बैलेट पेपर या ईवीएम को दोष नहीं दिया । लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है । जब चुनाव आयोग की ओर से आरोप सिद्ध करने को बुलाया जाता है तो ये सभी भाग खड़े होते हैं । अब इनका नया शगूफा मतदान प्रतिशत से जुड़े आंकड़ों के बारे में निकल रहा है । जिससे सम्बन्धित न कोई तर्क इनके पास है और न ही कोई सबूत है । श्री सिन्हा ने कहा कि देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्टकार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है । भाजपा सहित NDA के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं । जबकि विपक्ष का अधूरा गठबंधन नेता और नीति विहीन तो है ही ,इनमें जनता से जुड़ने की नीयत भी नहीं है । अबतक ये लोग हर बूथ पर अपना पोलिंग एजेंट तक नहीं दे पाए हैं। लिहाजा अपनी अकर्मण्यता का ठीकरा चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर फोड़ कर 'मोदी की आंधी' को शुतुरमुर्ग की तरह सिर गाड़कर झेलने की फिराक में जुट गए हैं । श्री सिन्हा ने कहा चुनाव की जीत- हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा । ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगा कर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं ।