हुडको के मुख्य प्रबंध निदेशक, संजय कुलश्रेष्ठ के साथ प्रतिनिधि मंडल उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की। हुडको द्वारा उपमुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति दी गयी। जिसमें राज्य में आधारभूत संरचना के विकास के लिए ऋण उपलब्ध कराने के संबंध में स्थिति स्पष्ट की गयी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राशि की कमी के कारण बिहार में कई योजनाएं लंबित हैं। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिहार सरकार विकास की गति बढ़ाने के लिए सभी विकल्पों पर तेजी से विचार कर रही है। इसी संदर्भ में विभागीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में हुडको के माध्यम ऋण प्राप्त करने पर विचार-विमर्श हुआ था। आज की यह बैठक उसी संदर्भ में आयोजित की गयी और अगली बैठक में विस्तार से आवश्यकतानुसार विकल्पों पर चर्चा किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सीमित संसाधन से सभी क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप कार्य किया जाना व्यावहारिक रूप से संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। इसी क्रम में मैंने विभागीय पदाधिकरियों को विकल्पों पर विचार करने का निदेश दिया था। पथ निर्माण के क्षेत्र में मुख्यतः नावार्ड द्वारा ऋण प्रदान किया जाता है किन्तु इससे ग्रामीण क्षेत्रों में ही पथों का निर्माण संभव है। हुडको द्वारा दिए जाने वाले ऋण में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। हुडको योजना के कुल लागत का 90 प्रतिशत तक ऋण स्वीकृत करता है, जिसमें भूमि अधिग्रहण पर होने वाले व्यय को भी शामिल किया जाता है। साथ ही किसी परियोजना में केवल भूमि अधिग्रहण के लिए भी राशि उपलब्ध कराता है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि विभागीय पदाधिकारियों को मैंने निदेश दिया है कि राज्य में सुगम यातायात की प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं का चयन कर एक प्रतिवेदन तैयार करें, उसके आधार पर हुडको के साथ शीघ्र ही बैठक कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हुडको के मुख्य प्रबंध निदेशक को भी मैंने बिहार के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। उसके आधार पर बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किये जायेंगे।