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पुल निर्माण से जुड़े 460 अभियंताओं को दिया गया प्रशिक्षण

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सड़कों एवं पुलों के रख-रखाव एवं अनुरक्षण पर पथ निर्माण विभाग के द्वारा प्राथमिकता के तौर पर अपने अभियंताओं को संवेदनशील करने हेतु प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में पथ निर्माण विभाग के द्वारा पुलों के नियमित रख-रखाव पर विशेष प्रशिक्षण पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं को दिया गया है। उप मुख्य (पथ निर्माण) मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि सड़क एवं पुलों पर यातायात की बढ़ोतरी विगत वर्षों में काफी बढ़ी है और ऐसी परिस्थिति में सुगम यातायात संचालन के लिए सड़क एवं पुलों का देखभाल एवं समय-समय पर इसकी मरम्मती सुनिश्चित हो। विभाग के अभियंताओं को सड़क एवं पुल निर्माण की नई पद्धतियों से अवगत कराना हमारी प्राथमिकता है, जिससे हमारे अभियंता विश्वस्तरीय सड़क एवं पुल का निर्माण कर सके साथ ही निर्माण के उपरांत इनकी समुचित देखभाल भी हो सके। उप मुख्य (पथ निर्माण) मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पिछले 5 दिनों से पथ निर्माण विभाग के अभियंताओं, जिसमें कनीय अभियंता से लेकर मुख्य अभियंताओं तक को पुल के रख-रखाव से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण विश्व विख्यात डॉ॰ वीरेन्द्र कुमार रैना के द्वारा दिया गया। रैना एक विश्व विख्यात सिविल इंजीनियर है, जिन्होने अबतक एक लाख लेन मीटर कंक्रिट पुल विभिन्न देशों में डिजाईन किया है तथा उनके द्वारा अब तक 8 पुस्तक लिखी गई है, जो पुल निर्माण तकनीक के संबंध में है। क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत और नई नीतियों के संबंध में अभियंताओं को अवगत कराना इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्येश्य है। उन्होंने बताया कि पथ निर्माण विभाग के सभी अभियंताओं को निदेशित किया गया है कि क्षतिग्रस्त पुलों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाय तथा सभी अभियंता नियमित निरीक्षण सभी प्रमुख और छोटे पुलों का निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि अभियंतओं को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्रिज एवं कल्वर्ट, इसके डिजाईन एवं पुरानी पद्धति से बने पुल जिसपर आज के समय की यातायात के अनुकूल बनाने की विधि, रख-रखाव का प्रबंधन, पुनरूद्धार इत्यादि विषयों पर गहन चर्चा हुई। इसके अलावा निर्माण स्थल पर सुरक्षा के मानक पर भी विशेष चर्चा हुई। सिन्हा ने सभी अभियंताओं को स्पष्ट रूप से यह आदेश दिया है कि बरसात में नदियों के जल स्तर में अप्रताशित वृद्धि को देखते हुए पुराने पुल-पुलियों का स्थलीय निरीक्षण सुनिश्चित कर इसका प्रतिवेदन विभाग को समर्पित करें। पथ निर्माण विभाग के आगामी कार्य योजना को शीघ्र पुरा करने के लिए उन्होंने अभियंताओं को निदेश दिया है कि भू-अर्जन एवं वन क्षेत्र के अधीन आने वाली भूमि के अधिग्रहण से संबंधित कार्यों को ससमय पूरा कर ले।

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