बिहार के उपमुख्यमंत्री- सह- कला, संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने नई दिल्ली में केंद्रीय कला, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की । दोनों नेताओं के बीच बिहार में कला, संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण और संवर्धन को लेकर हो रहे प्रयासों पर गहन चर्चा हुई । इस दौरान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने केंद्रीय बजट में बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर ,गया के विष्णुपद मंदिर तथा राजगीर के जैन मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर विकसित किए जाने की घोषणा के लिये प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली NDA सरकार का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया । इसे उन्होंने 'समरस विरासत के साथ विकास' को 'मोदी की गारंटी' का प्रतिफल बताया । इस मुलाकात के बाद श्री सिन्हा ने कहा कि विगत 10 वर्षों में केंद्र की NDA सरकार ने सांस्कृतिक विरासत से विमुख होकर नहीं बल्कि उसे विकास का वाहक बनाकर संरक्षित और सुरक्षित करने का प्रयास किया है । चाहे 'अमृत योजना' हो या 'हृदय योजना' हो अथवा ' आध्यात्मिक सर्किट' पर आधारित कार्यक्रम हों , मोदी जी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने समृद्ध विरासत की नींव पर विकसित भारत की मजबूत इमारत तैयार करने का प्रयास किया है । निश्चित रूप से इस प्रयास का व्यापक लाभ बिहार को भी मिल रहा है ।श्री सिन्हा ने आगे कहा कि हमने केंद्रीय कला-संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री से विशेष आग्रह किया कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के तर्ज पर 'जगतजननी माता सीता की अवतरण भूमि' सीतामढ़ी का भी विकास हो । सीतामढ़ी में माता सीता से जुड़े स्थानों को चिह्नित करते हुए एक सर्किट आधारित आध्यात्मिक केंद्र विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं । अतः हमारा प्रयास है कि अयोध्या आए दर्शनार्थी तीर्थाटन के क्रम में सीतामढ़ी भी जरूर आएं । इस दिशा में हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी भी तत्परता से प्रयास में जुटे हैं । इसके अलावा देश के इक्यावन शक्तिपीठों में से एक गया स्थित 'मंगला गौरी मंदिर' के भी विकास को लेकर सार्थक चर्चा हुई । श्री सिन्हा ने कहा कि माननीय मंत्री से राज्य में कपड़ा एवं शिल्प संग्रहालय जैसे विशिष्ट संग्रहालयों तथा राज्य से जुड़े स्वतंत्रता सेनानियों के लिए 'एक्सक्लूसिव म्यूज़ियम' विकसित करने पर भी सार्थक चर्चा हुई । साथ ही मिथिला चित्रकला संस्थान (मधुबनी) को राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान घोषित करने तथा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) का एक क्षेत्रीय केंद्र राज्य में खोलने की दिशा में पहल करने का भी आग्रह किया । राज्य के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत एवं विभिन्न कलाओं में मौजूद 'गुरु-शिष्य परम्परा' को केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से आच्छादित करने का भी आग्रह किया । मुझे पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार के समर्थन और मार्गदर्शन से हम समरस विरासत की नींव पर समृद्ध बिहार का निर्माण करने में सफल होंगे । विरासत हम हमारे लिए केवल अतीत को याद करने का जरिया न होकर रोजगार और राजस्व को गति देने वाले वर्तमान और भविष्य को मजबूत हिस्सा होगा ।श्री सिन्हा ने कहा कि शेखावत से बिहार में विद्यमान बहुरंगी सांस्कृतिक परंपरा और कला जगत से जुड़ी प्रतिभाओं को लेकर व्यापक चर्चा हुई । इस मौके पर हमने उन्हें राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और आध्यात्म से जुड़ी धरोहरों को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करने के लिए बिहार आने का निमंत्रण भी दिया है । जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार करते हुए शीघ्र ही बिहार आने का वायदा किया है ।