बिहार में मानसून की सक्रियता बढ़ने के साथ ही झमाझम बारिश देखने के लिए मिल रही है. वहीं, भारी बारिश का असर पूरी तरह से बिहार की नदियों पर देखने के लिए मिल रहा है. इस बीच खबर पूर्वी चंपारण से है जहां के पताही प्रखंड स्थित रामपुर मनोरथ गांव में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, गांव से जल निकासी के लिए एक बड़े नाले का निर्माण कई दशक पूर्व कराया गया था लेकिन ओवरफ्लो होने के कारण पानी पूरे गांव में धीरे-धीरे फैलने लगा है. बागमती, लालबकैया, बूढ़ी गंडक, सोन नदी अपने प्रबल प्रवाह से बह रही है.
जिसकी वजह से नदी से सटे कई ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है और खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. इतना ही नहीं, अब सड़क पर भी 1 से 2 फीट पानी बहने लगा है. रामपुर मनोरथ गांव में लोग दशकों से एक बड़े पुल का निर्माण चाहते हैं. लेकिन, आज तक उनकी चाहत सिर्फ चाहत बनकर ही रह गई. जिसको लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने अपने विधायक और सांसद के खिलाफ जमकर नारे लगाए और झूठा आश्वासन अपने जनप्रतिनिधि के द्वारा दिए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया. यहां के स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि, हमारे गांव में अगर आज यहां पुल बन गया होता तो शायद हमें हर साल मानसून के दौरान आए बाढ़ में हम लोगों को ज्यादा क्षति नहीं होती.
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि, पुल के न होने की वजह से बाढ़ का पानी अब हमारे खेतों से होकर गांव के घरों में घुस रहा है, जहां हमें काफी नुकसान हो रहा है. हम लोग कई बार पुल निर्माण के लिए यहां के स्थानीय विधायक और सासंद को भी लिखित शिकायत दी है. लेकिन, हमें हर वर्ष सिर्फ आश्वासन दे दिया जाता है कि, आप लोगों की सहूलियत के लिए पुल निर्माण के लिए हमने विधानसभा में आवाज उठाया है और जल्द ही आप लोगों के गांव में पुल का निर्माण कर दिया जाएगा. लेकिन, हम लोगों को अब समझ नहीं आ रहा कि हमारे विधायक लाल बाबू प्रसाद के द्वारा विधानसभा में उठाए गए पुल निर्माण के लिए आवाज कहां दब जा रहा. क्यों हम भोले-भाले ग्रामीणों को सिर्फ विधायक और सांसद के द्वारा छला जा रहा है.