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बिहार में करवट लेने वाला है मौसम, 3 दिनों तक के लिए जारी किया अलर्ट

Weather is about to take a turn in Bihar, alert issued for 3

अब तो दिसंबर का महीना भी खत्म होने वाला है लेकिन फिर भी लोगों को कनकनी का एहसास नहीं हो रहा. सूबे में ठंड अभी भी सबाब पर नहीं पहुंचा है. यहां तक कि दिसंबर माह के अंत के दिनों में भी कोहरा एक दिन भी देखने को नहीं मिला. लेकिन, इस बीच मौसम में बदलाव को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल, आने वाले दिनों में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाली है. मौसम विभाग के अनुसार नए साल के शुरुआत में लोगों को कड़कड़ाती ठंड का एहसास होगा. 31 दिसंबर से ही तापमान में उतार-चढाव देखने के लिए मिलने लगेंगे.

2 से 4 जनवरी के बीच अलर्ट जारी

लेकिन, इससे पहले 29 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य के कई हिस्सों में बादल छाये रहने की संभावना है. जबकि 2 से 4 जनवरी के बीच राज्य के कई इलाकों में बारिश की संभावना भी जताई गई है. इसके साथ ही राज्य के कई जिलों में कुछ दिनों तक कोहरा भी छाया रह सकता है. मौसम विभाग की माने तो, 27 दिसंबर से 1 जनवरी तक उत्तर बिहार, पूर्वी और मध्य बिहार में तापमान में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है. मौसम विभाग की ओर से बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन सर्दी बढ़ने को लेकर फिलहाल कोई पूर्वानुमान जारी नहीं किया गया है. मध्य से लेकर उत्तर-पश्चिमी भारत तक जबरदस्त मौसमी उतार-चढ़ाव चल रहा है. एंटी साइक्लोन के बाद उस क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है, जबकि बिहार अभी भी पुरवैया की चपेट में है, जिसके कारण तापमान में कमी नहीं हो रही है.

किसानों को दी गई है सलाह 

इधर, बिहार में पिछले 24 घंटे में सबसे कम गया और सबौर में सबसे कम 10.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया. पटना का न्यूनतम तापमान 13.4, बक्सर का 12.7, कैमूर का 12.0, औरंगाबाद का 12.3, नवादा का 12.3, जमुई का 13.1, कटिहार का 14.6, बांका का 10.6, और भागलपुर का 14.7 डिग्री सेल्सियस रहा. बेगूसराय का 12.9, वैशाली का 13.9, मुजफ्फरपुर का 15.7, मोतिहारी का 12.8, सिवान का 13.2 , छपरा का 14.7, अररिया का 13 और सुपौल का 15 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. इस बीच बिहार में किसानों ने खरीफ की फसलों की कटाई शुरू कर दी है. ऐसे में बारिश के अलर्ट ने उनकी चिंता बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि उनके द्वारा खुले में रखी गई कटी फसल को सुरक्षित स्थान पर भंडार कर दें. ताकि बारिश के मौसम में इसे खराब होने से बचाया जा सके.

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