Desk- बकरी चोरी के विवाद में 36 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. फैसला आने से पहले ही 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि अन्य पांच आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. दोषमुक्त हुए आरोपियों ने कोर्ट का आभार जताया है.
यह मामला बिहार के औरंगाबाद जिला से जुड़ा हुआ है. जिला व्यवहार न्यायालय के ADJ-10 सौरभ सिंह ने दाउदनगर थाना कांड संख्या -123/88,एस .टी. आर -73/92 केस में 36 साल बाद फैसला सुना दिया.न्यायाधीश सौरभ सिंह की अदालत ने तमाम गवाही को सुनने के बाद मामले में जीवित बचे पांच अभियुक्तों को दोषमुक्त करार देते हुए रिहा कर दिया है. इस मामले में पांच आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है.
पूरे मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि असलेमपुर निवासी राजन राय ने 25 जून 1988 को दाउदनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. दर्ज कराई गई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि 12 लोग सुबह 05 बजे उनके घर पहुंच कर 600 रुपये की दो बकरियां जबरदस्ती ले जाने लगे, जब उन लोगों ने विरोध किया तो आरोपियों ने मारपीट करते हुए घर में आग भी लगा दी. मामला दर्ज होने के बाद 36 साल बाद अंतिम रूप से फैसला आया है.इस बीच मामला लंबा चलने के कारण इस वाद के पांच अभियुक्तों की मौत हो चुकी है और दो अभियुक्तों का पृथक वाद है. अन्य पांच अभियुक्त दाउद नगर के असलेमपुर के लखन राय, मदन राय, विशुनदयाल राय, दीनदयाल राय और मनोज राय को भादंवि धारा -436/34 में दोषमुक्त कर रिहाई का आदेश दिया है.