बक्सर जिले के रघुनाथपुर में दिल्ली-कामख्या ‘नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस’हादसे में 4 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इसके साथ ही 100 से भी ज्यादा लोग घायल हो गए. इतना ही नहीं, इस घटना को लेकर सियासत में भी खूब बयानबाजी देखने के लिए मिली. लेकिन, अब तक हर किसी के मन में यह सवाल है कि, आखिरकार यह घटना हुई कैसे ? आखिर इस घटना की बड़ी वजह क्या रही ? वहीं, सूत्रों की माने तो, घटना के पीछे की बड़ी वजह शुरूआती जांच में रेलवे ट्रैक में खामियों को लेकर कही जा रही. बता दें कि, घटनास्थल पर जांच टीम कल ही पहुंची थी.
6 अधिकारियों ने रिपोर्ट पर किया साइन
दरअसल, घटनास्थल पर पूरे हादसे को लेकर जांच की गई. जिसके बाद शुरूआती जांच की माने तो हादसे का कारण ट्रैक की खामियां ही बताई जा रही. बताया जा रहा है कि रेलवे के 6 अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर साइन किया है. हालांकि, रेलवे के कुछ अधिकारियों का ये भी दावा है कि हाई स्पीड ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोकने की कोशिश की गई थी. बता दें कि, कई यात्रियों के द्वारा घटना को लेकर जानकारियां दी गई थी. जिसमें कई यात्रियों का यह भी कहना था कि, उन्हें अचानक से जोर का झटका लगा था, जिसके बाद यह दर्दनाक हादसा हुआ. जिसके बाद यह संभावना जताई जा रही कि, इमरजेंसी ब्रेक लगाई गई थी.
क्या कुछ आया रिपोर्ट में ?
सूत्रों की माने तो, ट्रेन के डिब्बों के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी 22 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए जिनमें से दो डिब्बे पूरी तरह से पलट गए. रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे की वजह से 52 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. हादसे में लोको पायलट (चालक) विपिन कुमार सिन्हा आंशिक रूप से घायल हो गये और उनके सहायक को गंभीर चोटें आईं. रिपोर्ट में लोको पायलट सिन्हा का एक बयान भी शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, लेकिन स्टेशन को पार करने के तुरंत बाद उसे पीछे से एक गंभीर झटका लगा.
प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या कुछ आया ?
प्रारंभिक रिपोर्ट में लोको पायलट के हवाले से कहा गया है कि अत्यधिक कंपन और गंभीर झटके के परिणामस्वरूप, ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गई. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि, 'एलसी (लेवल क्रॉसिंग) गेट नंबर 59बी के गेटमैन के बयान के अनुसार, ट्रेन नंबर 12506 गेट से गुजरी और 8-10 डिब्बे गुजरने के बाद उसने चिंगारी देखी और भारी शोर सुना.' रिपोर्ट में लोको पायलट और उसके सहायक का 'ब्रेथ एनालाइजर' परीक्षण नकारात्मक बताया गया. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई. इनमें से दो की पहचान आकृति भंडारी और उसकी मां उषा भंडारी (37) के रूप में हुई है, जो असम जा रही थीं.