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अब क्या होगा केके पाठक का ? शिकायत लेकर ये कहां पहुंच गए अभाविप के लोग....

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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के फरमानों और आदेशों के कारण अधिकारियों से लेकर शिक्षकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. आए दिन शिक्षकों को कोई ना कोई टेंशन मिल रहे हैं. लेकिन अब तो एसीएस केके पाठक ही परेशानी में फंस सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा कि, इस बार जहां उनकी शिकायत की गई है, उसके बाद तो केके पाठक पर कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि, पिछले दिनों एसीएस केके पाठक और राजभवन के बीच राज्य के विश्वविद्यालयों को लेकर जिस तरह से एक्शन लिए जा रहे थे, उसे लेकर खूब बवाल देखने के लिए मिला. केके पाठक और राजभवन के बीच हुई तकरार अब तक थमी नहीं है.  

भारत सरकार के कैबिनेट सचिव के पास शिकायत

वहीं, अब स्थिती यह है कि, विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. ऐसे में अब खबर है कि, बिहार के विश्वविद्यालयों की एकेडमिक स्वायत्तता में अपर मुख्य शिक्षा सचिव के गैरजरूरी हस्तक्षेप, बिहार के विश्वविद्यालयों के अकाउंट फ्रीज किए जाने समेत अन्य कई कारणों को लेकर अभाविप ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को ज्ञापन भेजा है. इसके साथ ही ज्ञापन के जरिये केके पाठक पर कार्रवाई करने की मांग की है. अभाविप की माने तो, शिक्षा विभाग की ओर से बिहार के विश्वविद्यालयों के सभी प्रकार के बैंक खातों पर रोक लगाए जाने से वित्तीय संकट आ गई है. जिसका सीधा प्रभाव छात्र-छात्राओं के परीक्षा पर पड़ रहा है. छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं रोक दी गई है. इसके अलावे विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध महाविद्यालयों की शैक्षणिक गतिविधियों, शैक्षणिक सत्रों, परीक्षा कार्यों एवं प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हो रहा है.

उच्च शिक्षा क्षेत्र पर पड़ रहा असर

पिछले दिनों की गतिविधियों पर नजर डालें तो, शिक्षा विभाग के द्वारा विश्वविद्यालयों को लेकर कई सारे एक्शन लिए गए. अकाउंट फ्रीज करने से पूरे बिहार के उच्च शिक्षण संस्थान बीते तीन महीने से गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं, जिसका दुष्परिणाम बिहार के उच्च शिक्षा क्षेत्र पर पड़ रहा है. साथ ही बिहार राज्य के अपर मुख्य सचिव द्वारा लगातार विश्वविद्यालयों के निर्णयों में गैरजरूरी हस्तक्षेप से एकेडमिक और प्रशासनिक संकट आ गई है. विश्वविद्यालयों के अकाउंट फ्रीज होने से 3,500 प्राध्यापक, 2,800 शिक्षकेत्तर कर्मचारी, 3,000 से अधिक सेवानिवृत्त प्राध्यापक, 1,400 अतिथि प्राध्यापक, 2,500 संविदा कर्मचारियों को वेतन और पेंशन नहीं मिलने से उनके दैनिक कामों के लिए गंभीर संकट खड़ा हो गया है.

केके पाठक के आवास का किया था घेराव

बता दें कि, इससे पहले एबीवीपी के छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया था. इस दौरान छात्रों द्वारा केके पाठक के काम करने के तरीके को तानाशाह बताते हुए उन्हें अपना पद छोड़ने के लिए कहा गया था. विद्यार्थी परिषद के नेताओं ने 'केके पाठक गो बैक' के नारे भी लगाए. इस दौरान पुलिस प्रशासन से भी खूब बगझग हुई. तो वहीं, अब सीधे भारत सरकार के कैबिनेट सचिव का रुख कर लिया है और अपनी अर्जी केके पाठक को लेकर वहां लगाई है. देखना होगा कि, केके पाठक को लेकर अब कोई एक्शन होता है या फिर नहीं.

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