PATNA:-संविधान बदलने वालों के आंख निकालने की लालू यादव के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है और लालू यादव को मामला को भड़काने का आरोप लगाया है.बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने लालू के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि लालू प्रसाद 10 साल के बाद जगे हैं क्या? उनको पता नहीं कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार के 10 साल हो गए, अभी तक संविधान नहीं बदला है बल्कि भाजपा ने देश के संविधान को बचाने का काम किया है। लालू प्रसाद क्यों प्रोपेगेंडा चला रहे हैं? वे तो पंजीकृत अपराधी हैं उनसे बिहार में क्या फर्क पड़ने वाला है।
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार में गरीबों को आरक्षण मिल रहा है। दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और आदिवासी समाज का सम्मान बढ़ाने का काम सरकार कर रही है.दलित और आदिवासी समाज के लोगों को देश का राष्ट्रपति बनाया गया है. सम्राट चौधरी के मुताबिक लालू यादव को इसी बात की पीड़ा हो रही है कि उन लोगों को वोट नहीं मिल रहा है। इस बार इनका खाता भी नहीं खुलने जा रहा है, इसलिए संविधान बदलने का प्रोपेगेंडा चला रहे हैं,पर इससे उनकों कोई फायदा नहीं होने वाला है. देश में जब जब आरक्षण लागू हुआ भाजपा उसके साथ खड़ी रही। राजनीतिक हैसियत नहीं होने के बावजूद बीजेपी ने लालू प्रसाद को पहली बार मुख्यमंत्री बनाने में मदद की थी.
लालू ने क्या कहा था
बताते चलें कि आज लालू यादव ने बीजेपी और पीएम मोदी पर करारा प्रहार किया है.मीडिया से बात करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार संविधान बदलने और समाप्त करने का दावा कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री और इनके शीर्ष नेता इन पर कुछ कारवाई करने की बजाय इसके बदले उन्हें ईनाम स्वरूप चुनाव लड़वा रहे हैं।ये BJP वाले चाहते क्या हैं? इन्हें संविधान, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और ग़रीबों से समस्या क्या है?
लालू यादव ने आगे कहा कि संविधान बदल ये इस देश से समता, स्वतंत्रता, बंधुता, सामाजिक न्याय और आरक्षण ख़त्म करना चाहते है। ये लोगों को RSS और पूँजीपतियों का ग़ुलाम बनाना चाहते है,पर एक बात बीजेपी वाले समझ लें कि अगर संविधान की तरफ़ आँख उठाकर भी देखा तो इस देश के दलित, पिछड़ा और गरीब लोग मिलकर इनकी आँख निकाल लेंगे।
लालू ने कहा कि बार बार संविधान बदलने की बात कर ये बीजेपी वाले क्या साबित करना चाहते हैं? हमारा संविधान बाबा साहब अंबेडकर ने लिखा है, किसी ऐरे ग़ैरे बाबा ने नहीं। लोकतंत्र में यकीन रखने वाले इस देश के न्यायप्रिय, अमनपसंद और दलित-पिछड़े तुम्हें औक़ात में ला देंगे। तुम कौन होते हो, संविधान बदलने वाले?देश की जनता माफ नहीं करेगी...ये तानाशाही लाना चाहते हैं, संविधान को बदलने का मतलब है लोकतंत्र को बदलना..."